आचार्यश्री समयसागर जी महाराज इस समय डोंगरगढ़ में हैंयोगसागर जी महाराज इस समय चंद्रगिरि तीर्थक्षेत्र डोंगरगढ़ में हैं Youtube - आचार्यश्री विद्यासागरजी के प्रवचन देखिए Youtube पर आचार्यश्री के वॉलपेपर Android पर आर्यिका पूर्णमति माताजी डूंगरपुर  में हैं।दिगंबर जैन टेम्पल/धर्मशाला Android पर Apple Store - शाकाहारी रेस्टोरेंट आईफोन/आईपैड पर Apple Store - जैन टेम्पल आईफोन/आईपैड पर Apple Store - आचार्यश्री विद्यासागरजी के वॉलपेपर फ्री डाउनलोड करें देश और विदेश के शाकाहारी जैन रेस्तराँ एवं होटल की जानकारी के लिए www.bevegetarian.in विजिट करें

आचार्य श्री : इंदौर दैनिक खबरें

साधना से खोलें आत्म कल्याण के द्वार : आचार्यश्री (25/02/2020)

इंदौर। आप जो चाहते हैं, वह आपको मिल जाएगा। आवश्यकता है अपनी आत्मा स्वरूप को पहचानने की। वास्तव में अधिकांश लोगों की स्वयं से पहचान ही नहीं है। वह स्वयं से ही अनभिज्ञ है। यह अनभिज्ञता माया रूपी पर्दे के कारण है। इसे दूर करने के लिए संतों की शरण में जाना होगा। उनके बताए साधना के मार्ग पर चलकर आत्म कल्याण के द्वार खोलने होंगे।

यह बात आचार्य विद्यासागर महाराज ने सोमवार को रेसकोर्स स्थित बास्केटबॉल कॉम्प्लेक्स में कही। वे श्वेतांबर जैन समाज द्वारा आयोजित धर्मसभा को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि अकसर लोग अपनी पहचान अपने घर के पते, मोबाइल नंबर के साथ अपने संसाधनों के जरिये बताते हैं। आप कौन और संसार क्या है, यह सोचने की आवश्यकता है। महावीर भगवान से लेकर अभी तक कई विभूतियों ने यह समझाने का अथक प्रयास किया है, लेकिन अभी तक हम उसे हासिल नहीं कर पाए।

ब्रह्मचारी सुनील भैया ने बताया कि आचार्य ने समग्र श्वेतांबर जैन समाज के आग्रह पर ये प्रवचन दिए। सुबह 9 बजे आचार्य समाजजन के साथ उदासीन आश्रम दिगंबर जैन मंदिर से प्रवचन स्थल पर पहुंचे। इस अवसर पर प्रमुख रूप से मुनि संधान सागर महाराज, मुनि निष्पक्ष सागर महाराज, मुनि शीतल सागर महाराज, मुनि निष्काम सागर महाराज मौजूद थे।

दयोदय ट्रस्ट के कमल अग्रवाल और संजय मैक्स ने बताया कि आचार्य के आहार का सौभाग्य मुनि आनंद सागर महाराज के गृहस्थ जीवन के पिता और दयोदय चैरिटेबल ट्रस्ट के ट्रस्टी रमेशचंद्र सिंपल जैन बंडा परिवार को मिला। कमल अग्रवाल, अशोक रानी डोशी के साथ श्वेतांबर जैन समाज के पदाधिकारियों ने आचार्य को श्रीफल भेंट किया। आभार ब्रह्मचारी अभय भैया ने माना।

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धर्म को पाने के लिए मोह का त्याग करो’ (24/02/2020)

इंदौर। सभी यह चाहते हैं कि गुरु उनके घर आएं। उनकी सेवा का अवसर मिले। यह समझने की आवश्यकता है कि धर्म को पाने के लिए मोह का त्याग करना पड़ता है। अब जो लोग शाकाहारी बनने जा रहे हैं, वे अपने सात्विक स्वरूप की ओर लौट रहे हैं। कभी वह गलत रास्ते पर चल रहे थे, इन्हें भी समझ आ रहा है कि आत्म शुद्धि के लिए आवश्यक है। वस्त्र को हम साफ कर सकते हैं, लेकिन मिट्‌टी को नहीं कर सकते हैं।

यह बात आचार्य विद्यासागर महाराज ने रविवार को उदासीन आश्रम पर आयोजित धर्मसभा में कही। सैकड़ों भक्तों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि व्यक्ति ने राग-द्वेष के कारण स्वयं को मटमैला बना लिया है। अब आराधना के जरिये स्वयं को स्वच्छ बनाने का अवसर आया है। इससे पहले आचार्य ने दोपहर में साढ़े पांच किलोमीटर विहार किया।

विहार कर वे छत्रपित नगर से पलासिया स्थित उदासीन आश्रम पहुंचे। आचार्य 13 संतों के संघ के साथ किला मैदान, रानी लक्ष्मीबाई चौराहा, जिंसी, नगर निगम चौराहा, एमजी रोड से होते हुए आश्रम पर पहुंचे। इसके बाद मंदिर में दर्शनकर धर्मसभा में संबोधित किया। सोमवार को आचार्य की सभा आहारचर्या यहां पर ही होगी। सुबह आहार का सौभाग्य अरविंद सोंधिया परिवार को प्राप्त हुआ। इस मौके पर 500 से अधिक श्रद्धालु दर्शन के लिए आए। न निलेश होलकर

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‘जीवन में संतुलन बनाए रखना जरूरी’ (23/02/202)

इंदौर। शरीर में जीवन के अस्तित्व के लिए कुछ ऐसी क्रियाएं चलती रहती हैं, जिनके माध्यम से आत्म तत्व को पहचानने का प्रयास कर लेते हैं। हमें वो ज्ञान हो जाता है कि भीतर आत्मा का कार्य चल रहा है। अर्थ संचार कमजोर हो जाए तो भी नींद नहीं आती। इसलिए आप इसका संतुलन बनाए रखते हैं।

जीवन में संतुलन बनाए रखना सबसे जरूरी है। मोक्ष मार्ग में भी यही एकमात्र सूत्र लागू होता है। यह बात छत्रपति नगर में प्रवचन के दौरान आचार्य विद्यासागर ने कही। ब्रह्मचारी सुनील भैया और राहुल सेठी ने बताया कि रविवार को छत्रपति नगर में आचार्य के विशेष प्रवचन दोपहर को होंगे।

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‘जिन देशों ने अपनी मातृभाषा नहीं छोड़ी, उनकी तरक्की देखो’ : विद्यासागर (22/02/2020)

इंदौर। जिन देशों ने अपनी मातृभाषा नहीं छोड़ी, उनकी तरक्की और विकास की रफ्तार देखो। ये ऐसे देश हैं, जिन्होंने अंग्रेजी को नहीं अपनाया अपितु अपनी भाषा का दामन ही थामकर रखा। हिंदीभाषी भारतवर्ष में हिंदी के लिए सिर्फ एक दिन ही रखा गया है। वैसे भी हर बड़े महापुरुष की जयंती पर उन्हें भी याद करने के लिए एक दिन रखा गया है। भाषा के जरिए व्यक्ति स्वयं को अभिव्यक्त करता है।

यह बात आचार्य विद्यासागर ने शुक्रवार को छत्रपति नगर में कही। वे अंतरराष्ट्रीय मातृ भाषा दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि मातृ भाषा में भी हम अपने भाव की अभिव्य￿क्ति कर सकते हैं। देश के महाराष्ट्र, गुजरात, उड़ीसा में विदेशी भाषा का भी उपयोग होता है।

एक मां और उसके दूध पीने वाले छोटे बच्चों के बीच में भी भाव का काम भाषा ही करती है। भाषा संवेदना पैदा करती है। हमारा कहना है कि मातृभाषा की बात करते हो तो अंग्रेजी के पास नहीं जाओ। कम से कम दसवीं तक तो बच्चों को मातृभाषा में ही अध्ययन करना चाहिए। एक दिन चिंतन करने से समस्या हल नहीं होगी। इसके लिए सभी को एकजुट होकर काम करना होगा। कौन कहता है कि किसी देश की उन्नाति अंग्रेजी से ही हो सकती है।

विश्व में अनेक देश ऐसे हैं, जहां उनकी ही भाषा चलती है। फिर भी वे देश अपना नाम दुनिया में रोशन कर रहे हैं। चीन, जापान, रूस सहित अनेक ऐसे देश हैं जो खुद की भाषा के आधार पर आगे बढ़ रहे हैं। इसलिए मैं कहता हूं कि हिंदी भाषा के लिए एक दिन से काम नहीं चलेगा, देश को आगे बढ़ाना है तो अपनी हिंदी भाषा को सबसे पहले सम्मान देना होगा।

हिंदी भाषा में भी विज्ञान है :

आचार्य विद्यासागर ने कहा कि विज्ञान अंग्रेजी में ही होता है, ये बात भ्रम है। हिंदी भाषा में भी विज्ञान होता है। आपको सिर्फ भ्रम से बाहर आना पड़ेगा। सीए के पाठ्‌यक्रम को भी हिंदी में पढ़ा जा सकता है। ब्रह्मचारी सुनील भैया और अशोक डोशी ने बताया कि आयोजन की शुरुआत पुस्तक ‘हमारी मातृभाषा’ का विमोचन कर किया गया। इस अवसर कैलाश वेद, निर्मल कासलीवाल, जिनेंद्र जैन, अचल चौधरी, रामेश्वर पटेल आदि मौजूद थे। बोहरा समाज, मुस्लिम समाज, सिख समाज से आएशिक्षकों ने आचार्यश्री को श्रीफल भेंट किया।

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सरकार करेगी प्रतिभास्थली के द्वार का निर्माण (21/02/2020)

इंदौर। स्वास्थ्य मंत्री तुलसी सिलावट ने गुरुवार को आचार्य विद्यासागर महाराज से मुलाकात की। इस अवसर पर रेवती रेंज पर नवनिर्मित प्रतिभास्थली पर जाने वाले मार्ग का निर्माण और प्रतिभास्थली के सामने के मुख्य द्वार के निर्माण सरकार द्वारा बनाने की घोषणा हुई।

दयोदय ट्रस्ट के कोषाध्यक्ष कमल अग्रवाल ने कहा कि मंत्री ने द्वार और मार्ग बनाने की घोषणा की। इस मार्ग का नाम आचार्य विद्यासागर महाराज रखा जाएगा। आचार्य का मंगल विहार दोपहर के समय संगम नगर से हुआ। वे विहार कर छत्रपति नगर स्थित दलालबाग पहुंचे। वहां शुक्रवार को प्रवचन और पूजन सुबह 8:30 बजे होगा।

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हनुमानजी भी कहते थे राम के नाम से हो जाते हैं सारे कामः आचार्य विद्यासागर (20/02/2020)

इंदौर। ऐसे भाव जीवनपर्यंत रखो कि आने वाली पीढ़ी उनसे प्रेरणा लें। सभी के कल्याण की भावना रखनी चाहिए। हनुमानजी राम के भक्त थे। वे कहते थे कि राम के नाम से ही सारे काम हो जाते हैं। हनुमानजी हर कार्य युक्ति से करते थे। कभी-कभी वे अपनी भक्ति के माध्यम से ऐसे कार्य करते थे, जिसका पता नहीं चल पाता था।

यह बात आचार्य विद्यासागर महाराज ने स्मृति नगर में बुधवार को कही। वे धर्मसभा में सैकड़ों की संख्या में मौजूद समाजजन को संबोधित कर रहे थे। दयोदय चैरिटेबल ट्रस्ट के अध्यक्ष सुंदरलाल जैन और कमल अग्रवाल ने बताया कि आचार्य के आहार का सौभाग्य सचिन जैन परिवार को मिला। इस अवसर पर संगम नगर समाज के साथ अन्य कॉलोनियों से आए श्रद्धालुओं ने श्रीफल अर्पित किया। इसमें आनंद जैन, अशोक डोशी, संजय मैक्स आदि शामिल थे। आचार्य ने सभी क्रियाओं के बाद स्मृति नगर से दोपहर 2 बजे विहार किया। वे यहां से सीधे संगम नगर जैन मंदिर पहुंचे। यहां समाजजन ने उनकी अगवानी की। धर्मसभा का संचालन ब्रह्मचारी सुनील भैया ने किया। आभार ब्रह्मचारी तरुण भैया ने माना।

पाषाण के मंदिर का किया शिलान्यास

स्मृति नगर में आचार्य ने पूरे संघ के साथ विधि-विधान से पाषाण के प्रस्तावित मंदिर का शिलान्यास किया। सभी संतों के साथ में इस अवसर पर ब्रह्मचारी भैया और बहनें भी मौजूद थीं। गत दिनों इस क्षेत्र के समाजजन द्वारा ही आचार्य को पाषाण के मंदिर के निर्माण के लिए श्रीफल भेंट किया गया था।

Source : Naidunia

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