यह ऑडियो क्लिप बड़ी शांति से, ध्यान से एवं प्रसन्नचित्त मन से सुनें। ये शांतिधारा की क्लिप है, जो आचार्यश्री १०८ विद्यासागरजी महाराज के द्वारा बोली गई है। शायद बहुत कम संयोग होते हैं जब गुरुवर के मुखारविंद से शांतिधारा सुनने मिलती है।
डॉ. शीतलजी जैन, शांति निकेतन, इन्दौर का अन्तर्मन से आभार। आपने आचार्य श्री विद्यासागरजी महामुनिराज के मुखारविंद से शांतिधारा की जो क्लिप उपल्ब्ध कराई है, वह दुर्लभ है। इसमें शब्दों का उच्चारण शुद्धतापूर्वक हुआ है। बिना किसी आकुलता के प्रस्तुत हुई है। जिससे शांतिधारा का पूर्णफल मिलता है।