श्री दिगंबर जैन सर्वोदय तीर्थ क्षेत्र अमरकंटक
श्री निर्मलकुमार पाटोदी
“विद्या-निलय” शांति निकेतन
(बॉम्बे हॉस्पिटल के पास) इन्दौर (म.प्र.)
जिन मन्दिर हमारी आराधना और साधना के प्रेरक निमित हैं। ये साधर्मी वात्सल्य को सघन करने एवं सामाजिक जिम्मेदारियों के प्रति जागरुकता के शक्ति-केन्द्र हैं। ये हमारे चिंतिन-मनन को स्फूर्त करते हैं। विश्ववन्दनीय परमपूज्य संतशिरोमणी आचार्य श्री 108 विद्यासागरजी गुरुवर ससंघ के मंगल आशीर्वाद से जंगल में भी साक्षात मंगल का वातावरण व्याप्त हो जाता है। मध्यप्रदेश के जिला अनूपपुर के अकृत्रिम उपवन में अमरकंटक को विश्वव्यापी पहचान प्रदान करने के लिये जैन संस्कृति का भव्य तथा परिपूर्ण हजार वर्ष से अधिक आयु वाला पाषाण का जिनालय तेजी से आकार ग्रहण कर रहा है। स्व. श्री धर्मवीर बाबूलाल जी तथा परिवार (दुर्ग) के सहयोग से निर्मित प्रथम तीर्थंकर परम आराध्य 1008 भगवान श्री आदिनाथ की अद्भुत, मनोज्ञ, विशाल, विश्व में सर्वाधिक वजनी 24 टन अष्टधातु की प्रतिमा जो 28 टन अष्टधातु के कमल पर विराजित (कुल वजन 52 टन) के कारण राष्ट्र और विश्व में स्वर्ण मंडित है। प्रतिमा ज्ञानवारिधि आचार्य श्री 108 विद्यासागरजी महामुनिराज तथा ससंघ 44 निर्ग्रंथ शिष्य मुनिगणों के सानिध्य में गुरुवार 6 नवम्वर 2006 को शुभमुहूर्त में विराजित की गयी थी। गुड, चूना और राजस्थान के पाषाण के उपयोग से इसे भव्य कलात्मक, अद्वितीय निर्माणाधीन जिनालय को देख कर जैन-अजैन सभी श्रद्धालु दाँतों तले उँगली चबाने को बाध्य हैं। इस मन्दिर के निर्माण में लोहा, सीमेंट का उपयोग बिल्कुल भी नहीं किया जा रहा है। इस साधना स्थल के संस्थापक अध्यक्ष श्री उदयचन्द्र जी जैन आदि के अथक प्रयास अभिनन्दनीय है। मूर्ति एवं मंदिर परिचय
गिनिज बुक ऑफ वर्ल्ड रेकार्ड के लिए प्रस्तावित परम पूज्य आचार्य श्री विद्यासागरजी महाराज की प्रेरणा एवं आशीर्वाद से कानपुर (उन्नाव) में ढली, अष्ट-धातु से निर्मित २४,००० किलोग्राम वजनी संसार की सबसे वजनदार भगवान श्री आदिनाथजी की पद्मासन प्रतिमा है। जिन्हें सनातन सम्प्रदाय में भी आदि ब्रह्मा के नाम से जाना जाता है।
१७,००० किलोग्राम का अष्ट-धातु का कमल, जिसको अहमदाबाद में ढाला गया है, जिस पर भगवान को विराजमान किया गया है। इस प्रकार से कुल ४१,००० किलोग्राम वजनी प्रतिमा एवं कमल है।
यहाँ अतिशीघ्र एक भव्य जिनालय का निर्माण कार्य पूर्ण होने वाला है, जिसके शिखर अर्थात् मंदिर की ऊँचाई १५१ फुट रहेगी।
जिनालय अमरकंटक के सबसे बडे उतुँग शिखर स्थित इस दिगम्बर जिनालय के प्राँगण का क्षेत्रफल 3 लाख वर्गफूट है। 21 अप्रैल 2002 को शुभ-मुहूर्त में समाज श्रेष्ठी समाज भूषण अशोक जी पाटनी (आर.के.मार्बल) के करकमलों द्वारा शिलान्यास हुआ। भगवान श्री आदिजिनेश्वर के इस अनुपम जिनालय की ऊँचाई 51 फूट, लम्बाई 450 फूट और चौराई 125 फूट है। 3 सितम्बर 2006 को पावन मुहूर्त में जिनालय के प्रांगण में प्रज्ञाश्रम आचार्य श्री विद्यासागर जी ससंघ के सानिध्य में “सिंहद्वार” और “मानस्तम्भ” का भूमिपूजन किया गया। सिंहद्वार सुप्रसिद्ध ओडिसी स्थापत्य कला शैली में प्रतिमाजी की गरिमा के अनुरूप वास्तु सम्मत विशाल सिंहद्वार का आकार 51 फुट ऊंचा, 42 फुट लम्बा और 42 फुट चौडा, भव्य, कलात्मक मानस्तम्भ का निर्माण सम्पन्न किया जायेगा। युवा हृदय श्री मनीष जैन बुढार की सतत कार्य-कर्मठता सराहनीय है। यात्री निवास यात्रियों की सुविधा के लिये 23 वी.आय.पी. बेडरूम हैं, जिनके 11 कमरे अटेच हैं। 8ब्लॉक-बँगले सर्वसुविधा सम्पन्न हैं। 100 अस्थाई टिनशेड कमरें और प्रवचन-पाण्डाल भी है। क्षेत्र दर्शन अमरकंटक नैसर्गिक सौंदर्य, प्राकृतिक मनोरम दृश्य, हरीतिमा के साथ ही सुप्रसिद्ध नर्मदा, सोन एवं जुहिला नदियों की उद्गम स्थली है तथा हिल स्टेशन भी है। कटनी – बिलासपुर रेलखंड पर अमरकंटक के लिए निकटवर्ती रेलवे स्टेशन पेंड्रा रोड ४५ किलोमीटर दूर है। बिलासपुर से १०१, डिंडोरी से ८०, बुढ़ार से ८५ किलोमीटर दूर अमरकंटक है। दक्षिण भारत से आने वाले यात्री नागपुर – बिलासपुर पेंड्रा रोड, उत्तर भारत / दिल्ली आदि की ओर से आने वाले यानी बीना-कटनी-पेंड्रा रोड होकर अमरकंटक पहुँच सकते हैं। भोपाल से अमरकंटक एक्सप्रेस सायं ४ बजे छूटती है। क्षेत्र का इतिहास 1. आचार्य श्री की सुशिष्या परम्पूज्य 108 आर्यिका प्रशांतमती माताजी ससंघ का आगमन 1993 में।
2. जनवरी 1994 में तीर्थोद्वारक विद्यासागर जी का ससंघ का आगमन।
3. 1995 में मानव कल्याण सर्वोदय विकलांग केन्द्र स्थापित हुआ। अब तक 2000 से अधिक निःशक्तजनों को निःशुल्क ट्रायसिकलों का वितरण किया गया।
4. 14 फरवरी 1999 में कुण्डलपुर(दमोह) से बिहार होकर भगवान आदिनाथ जी की प्रतिमा यहाँ लायी गयी।
5. करुणा- अहिंसा की परिपूर्ण साधना हेतु पशु संरक्षण केन्द्र गौशाला संचालित है।
6. 31 मार्च 2000 को आचार्य श्री विद्यासागर ससंघ पिच्छीयों का वर्षायोग सम्पन्न हुआ। वर्षायोग-2009 भारत के हृदय-स्थल अमरकंटक की धर्मधारा पर श्री शांतिवीर, शिव-ज्ञानसागराचार्य शिष्य परम्परा में दीक्षित बालयोगी, संघनायक, परमश्रुत, सर्वोदयी संत, आचार्य प्रवर श्री 108 विद्यासागर जी महामुनिराज तथा ससंघ 28 निर्ग्रंथ मुनिगणों का वर्षायोग सानन्द चल रहा है।
सर्वोदय तीर्थ अमरकंटक में दिगम्बर जैन धर्म की पहचान कायम कर चुका है। यहाँ की धर्म सभा में संशय की साधना के जीवंत संत, तपोनिधि श्री विद्यासागर जी ने धर्मक्षेत्र की महत्व का बोध कराते हुए धर्म सभा में कहा कि यहाँ आदिवासियों की बहुलता है। ये सरल और सुग्राही भी होते हैं। यहाँ पर तपश्चर्या से काया और आत्मा के भिन्न-भिन्न होने का भेद मिल जाता है। शीतलहर चलती है। लहर का प्रहार काया पर होता है। साधना कर साधना करने वालों से सर्दी स्वयम ठिठुर जाती है। पावन सरिता कुंवारी नर्मदा के उद्गम अमरकंटक में नर्मदा का अर्थ समझाते हुए ज्ञान, दर्शन, साधना शिरोमणि के अनुसार नर्मदा का एक नाम रेवा है। पुराणों में रेवा नदी के महात्म्य का विस्तार से वर्णन मिलता है। इसके तट पर तपकर असंख्य भव्यात्माओं ने सिद्धपद को प्राप्त किया है। रेवा का नाभिकुण्ड नेमावर में है। नदी के दोनों तटों पर साधकों ने परिग्रह और आरम्भ का परित्याग कर साध्व को पा लिया है। नर्मदा का विश्लेषण करते हुए संत कवि ने बताया कि ‘नर्म’ का अर्थ सुख-चैन है। सुख-चैन दक्षति इति “नर्मदा”। सुख का तात्पर्य है-सिद्धत्व। सुख-शांति, सिद्धत्व की उत्पत्ति का नाम है नर्मदा। अमरकंटक के अकृत्रिम-उपवन में तन की गरमी तो मिटती ही है, मन की गरमी भी मिट जाती है। श्री दिगम्बर जैन अमरकंटक क्षेत्रीय विकास समिति के सृजनशील नेतृत्व में महती धर्म प्रभावना के लिये सर्वोदय-तीर्थ क्षेत्र, अमरकंटक-484886 जिला-अनूपपुर म.प्र. के निर्माण में आर्किटेक्ट श्री श्री सी.डी. सोमपुराजी, कांट्रेक्टर श्रीपरेशजी सोमपुरा और सुपर वाइजर श्री दिनेशजी सोमपुरा, अहमदाबाद वालों की सूझबूझ और तकनीकी ज्ञान से भगवान श्री आदिनाथजी का परिपूर्ण जिनालय तेजी से परिपूर्ण आकार ग्रहण कर रहा है। पाषाण से पूज्यनीय भगवान बनाने का महामहोत्सव पंचकल्याणक की तिथि की घोषणा भी यथाशीघ्र होने की संभावना है।
समुद्री सतह से 1067 मीटर ऊँचाई पर स्थित पावन नर्मदा, सोन तथा जुहिला नदियों का उद्गम स्थल, अमरकंटक, विन्ध्य पर्वत श्रेणी का ताज है। शहरी प्रदूषण से मुक्त, जलप्रपातों, घने जंगलों से आच्छादित, मनोरम हरी-भरी वादियों और शीत-ऋतु की अनुभूति का आनन्द लेते हुए हर समय हजारों-हजार पर्यटक यहाँ मौजूद रहते हैं।रेल्वे स्टेशन पेंड्रा रोड 29 कि.मी. अनूपपुर से 60 कि.मी. बिलासपुर से 120 कि.मी. रायपुर से 220 कि.मी. तथा जबलपुर से 235 कि.मी. की दूरी पर स्थित है।
पत्र व्यवहार पता
श्री दिगंबर जैन अमरकंटक क्षेत्रीय विकास समिति,
सर्वोदय तीर्थ, अमरकंटक , म.प्र
फोनः +९१-७६२९-२६९४५०,२६९५५०
बिलासपुर अमरकंटक से १०० की.मी. दूर है।
यात्रियों की सुविधा हेतु हम अमरकंटक एवं बिलासपुर से आने-जाने वाली ट्रेनों की सूचि दे रहे हैं। Bilaspur to Mumbai CST
Name of Train | Departure | Arrival | day |
1. SAMARASATA-EXP | 11.1 | 6.25 | S-SU |
2. HOWRAH-MUMBAI-MAIL | 7.25 | 5.25 | DAILY |
3. GITANJALI-EXP | 0.5 | 21.3 | DAILY |
4. SHM-LTT EXP | 4.45 | 3.4 | DAILY |
Bilaspur to Delhi
Name of Train | Departure | Arrival | day |
1. BSP-NDLS-SPL | 13 | 14.2 | SU |
2. CHTTISGARH S KRANTI | 14.2 | 9.1 | M-TH |
3. CHATTISGARH-EXP | 14.1 | 19.45 | DAILY |
4. KALINGA UTKAL-EXP | 15.45 | 14.1 | DAILY |
5. GONDWANA-EXP | 5.55 | 7.1 | M-W-TH-F-S |
Bilaspur to Howrah
Name of Train | Departure | Arrival | day |
1. JNAESWARI-DELX | 16.25 | 3.35 | T-W-S-SU |
2. AZAD HIND-EXP | 16.45 | 3.5 | DAILY |
3. HOWRAH- MAIL | 18.15 | 5.5 | DAILY |
4. HOWRAH-EXP | 1.1 | 13.3 | DAILY |
5. GITANJALI-EXP | 1.3 | 12.3 | DAILY |
Mumbai CST to Bilaspur
Name of Train | Departure | Arrival | day |
1. JNAESWARI-DELX | 20.35 | 16.1 | M-T-F-S |
2. HOWRAH- MAIL | 20.35 | 18 | DAILY |
3. GITANJALI-EXP | 6 | 1.15 | DAILY |
4. LTTSHALIMAR-EXP | 21.5 | 22.5 | DAILY |
Delhi to Bilaspur
Name of Train | Departure | Arrival | day |
1. GONDWANA-EXP | 15.25 | 16 | M-T-W-TH-S |
2. CHTTISGARH S KRANTI | 17.25 | 12.35 | T-F |
3. CHATTISGARH-EXP | 4.05 | 11.5 | DAILY |
4. KALINGA UTKAL-EXP | 12.3 | 10.5 | DAILY |
Howrah to Bilaspur
Name of Train | Departure | Arrival | day |
1. AZAD HIND-EXP | 21.25 | 9 | DAILY |
2. HOWRAH-MUMBAI-MAIL | 20.15 | 7.1 | DAILY |
3. HOWRAH-ADI-EXP | 23.55 | 11.4 | DAILY |
4. GITANJALI-EXP | 14 | 0.35 | DAILY |
Pendra (Amarkantak) to Delhi
Name of Train | Departure | Arrival | day |
1. CHTTISGARH S KRANTI | 14 | 8 | T-F-SU |
2. KALINGA UTKAL-EXP | 5.3 | 2.3 | DAILY |
3. HEERA-KUND-EXP | 22 | 11 | T-F |
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I like information. Details given is encouraging. I have been there in 2009 & want to go for Darshan again when the Bhagwan will call me there.