आचार्यश्री समयसागर जी महाराज इस समय डोंगरगढ़ में हैंयोगसागर जी महाराज इस समय चंद्रगिरि तीर्थक्षेत्र डोंगरगढ़ में हैं Youtube - आचार्यश्री विद्यासागरजी के प्रवचन देखिए Youtube पर आचार्यश्री के वॉलपेपर Android पर आर्यिका पूर्णमति माताजी डूंगरपुर  में हैं।दिगंबर जैन टेम्पल/धर्मशाला Android पर Apple Store - शाकाहारी रेस्टोरेंट आईफोन/आईपैड पर Apple Store - जैन टेम्पल आईफोन/आईपैड पर Apple Store - आचार्यश्री विद्यासागरजी के वॉलपेपर फ्री डाउनलोड करें देश और विदेश के शाकाहारी जैन रेस्तराँ एवं होटल की जानकारी के लिए www.bevegetarian.in विजिट करें

गौशाला

गौशाला परिचय


गाय देश का

धर्मशास्त्र है, कृषिशास्त्र है

अर्थशास्त्र है, नीतिशास्त्र है।

उद्योगशास्त्र है, समाजशास्त्र है
विज्ञान्शास्त्र है, आरोग्यशास्त्र है।

पर्यावरणशास्त्र है, आध्यात्मशास्त्र है।


दाँतों तले तृण दाब कर दीन गायें कह रहीं,

हम पशु तुम हो मनुज पर योग्य क्या तुमको यही।

हमने तुम्हें माँ की तरह है दूध पीने को दिया।

देकर कसाई को हमें तुमने हमारा वध किया।

क्या वश हमारा है भला हम दीन हैं बलहीन हैं।

मारो कि पालो कुछ करो, तुम हम सदैव अधीन है।

प्रभु के यहाँ से सभी कदाचित आज हम असहाय हैं।

इससे अधिक अब क्या कहें हाँ हम तुम्हारी गाय है।

जारी रहा यदि यही क्रम यहाँ यों ही हमारे नाश का।

तो अस्त समझो सूर्य भारत भाग्य के आकाश का।

जो तनिक हरियाली रही वह भी नहीं रह पाएगी।

यह स्वर्णभूमि कभी मरघट ही बन जाएगी।

– मैथिलीशरण गुप्त


जो गाय अपनी स्वस्थ अवस्था में हमें अमृत समान दूध देती है, खेती के लिए बैल देती है, ईंधन के लिए गोबर देती है और जिसका मूत्र औषधियों में काम आता है, उसी गाय को लोग वृद्ध होने पर जंगल में छोड़ देते हैं, जहां से उसे कुछ लोग पकड़कर बूचड़खानों में कत्ल होने के लिए बेच देते हैं। कई बार ऐसी गायों को सीधे ही बूचड़खानों में भेजे जाने के लिए बेच दिया जाता है।

मानवीय आधार पर ऐसी गायों की देखभाल के लिए और उनका शेष जीवन भी शांतिपूर्वक गुजरे, इस भावना के साथ मुनिश्री विद्यासागरजी के मार्गदर्शन में गौशालाओं का संचालन किया जा रहा है। इन गौशालाओं में उन गायों को रखा जाता है जो दूध नहीं देती और जिन्हें उनके मालिकों द्वारा छोड़ दिया जाता है या जिन्हें बूचड़खाने ले जाए जाने से बचाया जाता है। आप भी ऐसी गायों का जीवन बचाने में अपना सहयोग दे सकते हैं।


 

22 Comments

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  • Gurudev ko charan isparsh or sat sat naman,
    gurudev aap dhanya ho jo ki humari maa ki reksha kar rehe ho or hum logo mai jagrati pradhan ker rahe ho . gurudev prabhu ki kripa se humne bhi ek gaushala 2011 mai suru ki hai jisme abhi 22 gaumata hai ager aap kabhi bhi rajasthan mai padhare to aapki is choti si gaushala per jarur padhare or hum logo ko aasirwaad deve taki hum jaise log bhi aap ke charno mai reh sake or maa ki seva ker sake.

    Hemant Paliwal
    Shree hari shree shreenath gaushala
    Kavita udaipur rajasthan
    9413263093

  • It be noted that Br. Vinay Bhaiya ji now getting donation from Shewtamber jain Samaj in the name of Chandra Shekhar ji Mharaj from mumbai by giving false information.

    • भाई जी गौशाला चलाना बहुत आसन काम नहीं है ……..और यदि आप सोचते है कि आप सहयोग कर सकते है तो हम ललितपुर में आपसे सहयोग चाहेगे…….यहाँ पर भी हर साल कई गाये मर जाती है……..क्योकि यहाँ आती ही ऐसी गाये है जो कुछ दिन कि मेहमान होती है…………अब आप ही बाताएये कि अगर कुछ दिन का समय उन्हें और मिल जाता है जीने के लिए …..क्योकि कत्लखाने में तो वो काटने जा ही रही थी …….पर गौशाला में उनकी शेष आयु भी गुजर जाती है……..और हमारा धर्म भी पल जाता है …..पर हमारे ही समाज के कुछ मीरजाफर और जयचंद जो स्वयं तो पथभ्रस्ट है ही ……और विना विवेक के जिस चाहे पर आरोप लगा देते है……..है कोई माई का लाल जो गौशाला चलाये ………..हम आमंत्रित करते है ललितपुर कि गौशाला के लिए…..पर ध्यान रखना जो शिकायत आप करते है…….वह आपके साथ नहीं होना चाहिए…..

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