आचार्यश्री समयसागर जी महाराज इस समय डोंगरगढ़ में हैंयोगसागर जी महाराज इस समय चंद्रगिरि तीर्थक्षेत्र डोंगरगढ़ में हैं Youtube - आचार्यश्री विद्यासागरजी के प्रवचन देखिए Youtube पर आचार्यश्री के वॉलपेपर Android पर आर्यिका पूर्णमति माताजी डूंगरपुर  में हैं।दिगंबर जैन टेम्पल/धर्मशाला Android पर Apple Store - शाकाहारी रेस्टोरेंट आईफोन/आईपैड पर Apple Store - जैन टेम्पल आईफोन/आईपैड पर Apple Store - आचार्यश्री विद्यासागरजी के वॉलपेपर फ्री डाउनलोड करें देश और विदेश के शाकाहारी जैन रेस्तराँ एवं होटल की जानकारी के लिए www.bevegetarian.in विजिट करें

कविताएं

मुनि क्षमासागर जी की कविता को सुनना मौन को सुनना है। इस मौन में पाठक को मुनिश्री के शब्दों के साथ अकेले ही यात्रा करनी होती है, जैसे कि वे स्वयं अपने भीतर के एकांत में सदा अकेले होते हैं।

मुनि क्षमासागर के इस स्वअर्जित अंत:एकांत में चिड़िया, वृक्ष, आकाश और नदी जीवन का विस्मय भी जगाती है और वे प्रकृति के शाश्वत सौंदर्य व आनंद का पर्याय भी है। यह एक ऐसी भाषा है जिसे मुनिश्री लगातार अपनी कविता में पढ़ते भी हैं और गढ़ते भी हैं। शायद इसीलिए इन कविताओं को बार-बार पढ़ने का मन होता है क्योंकि ये एक अद्भुत शांति उपजाती हैं।

इन कविताओं के अनुवाद की इस चेष्टा में यह शांति ज्यों-की-त्यों बनी रही होगी, इस आशा और प्रार्थना सहित। – सुनीता जैन

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मुनिश्री 108 क्षमासागर जी महाराज (monk kshamaSagarji) द्वारा रचित कविताएं

अकिंचन
 देने के लिए
 मेरे पास 
 क्या है
 सिवाय इस अहसास के
 कि कोई
 खाली हाथ
 लौट न जाए
The One With Nothing
What do I have
To give?
Except this
That no one may
Go without
Something.
बारिश
 चिड़िया 
 भीग जाती है 
 जब बारिश आती हैं
 नदी
 भर जाती है
 जब बारिश आती है
 धरती 
 गीली हो जाती है
पर बहुत मुश्किल हैं
 इस तरह 
 आदमी का
 भीगना और
 भर पाना 
 आदमी के पास 
 बचने का 
 उपाय है न!
Rain
 The bird gets drenched
 When it rains’
 The river overflows.
 The earth is soaked
 When it rains
 But for man
 When it rains,
 It is hard
 To get drenched,
 Hard to overflow.
 Man knows
 How to escape.
विश्वास
 मैंने पूछा
 चिड़िया से
 कि आकाश
 असीम है
 क्या तुम्हें अपने
 खो जाने का 
 भय नहीं लगता ?
 चिड़िया कहती है
 कि वह
 अपने घर 
 लौटना जानती है!
Faith
 I asked the bird,
 ‘The sky is vast,
 Are you not afraid
 Of getting lost?’
 The bird said,
 ‘I Know how to return
 To my own perch.’
घोंसला
 मैंने चिड़िया को
 घोंसला बनाते देखा है
 मैंने उसे
 दाना चुगते 
 और झट से
 आकाश में 
 उड़ते देखा है
 मैं चाहता हूँ
 कि चिड़िया 
 मुझे भी
 यह सब सिखाए
 कि किस तरह 
 जमीन से 
 जुड़े रहकर 
 आकाश में उड़ा जा सकता है, 
 कि किस तरह
 असीम आकाश में 
 उड़ने का अहसास 
 एक घोंसले में 
 रहकर भी
 जीवित रखा जा सकता है!
Nest
 I have watched the bird
 Make its nest.
 I have watched the bird 
 Gather grain and then
  fly away far in the sky.
 I wish the bird would teach me
 How to remain
 Connected to the earth
 While in flight, and
 How to keep alive
 A sense of the sky,
 While in the nest.
भगवान
 भगवन कितना बड़ा है
 मैंने
 एक बच्चे से पूछा
 उसने दोनों हाथ फैलाये 
 और जैसे
 मुझे समझाया
 कि इतना बड़ा
 तब सचमुच
 मुझे भी लगा 
 कि जितना जिसके 
 जीवन में समा जाए 
 भगवान उतना ही बड़ा!
GOD
 I asked a child,
 ‘How big is God?’
 The child smiled
 And stretched both
 His arms wide.
 The child wanted me to learn
 The vastness of God,
 And then I knew
 That God is only as big
 As your own life’s grasp.
मुखौटे
 अपने बच्चों को डराने धमकाने
 हमने कुछ डरावने चेहरे
 अपने लिए
 बनवाए थे
 बच्चे कुछ दिन
 डरते रहे 
 फिर असलियत जानकर 
 हँसते रहे
 अब बच्चे 
 बड़े हो गए हैं
 हमारे चेहरे लगाकर
 हमें ही डरा रहे हैं!
Masks
 To scare our children 
 We made some scary
 Masks.
 The children were frightened
 For a while.
 When they got wise about the masks,
 They smiled.
 The children are 
 No longer small.
 They frighten us now
 Wearing our masks.
उड़ान 
 नदी के ऊपर
 उड़ती चिड़िया ने
 आवाज़ दी
 नदी ने मुस्कुराकर कहा -
 बोलो चिड़िया
 चिड़िया ने 
 और ऊँची उड़ान ली
 पहाड़ के ऊपर 
 उड़ती चिड़िया ने
 आवाज़ दी 
 पहाड़ ने धीरे से कहा-
 बोलो चिड़िया
 चिड़िया ने
 और ऊँचे उड़ते-उड़ते पुकारा
 पर आवाज़ खो गयी
 चिड़िया लौट आयी है
 वह कहती है
 कि अपनी आवाज़ 
 अपने तक आती रहे 
 इतना ही 
 ऊँचे उड़ना
Flight
 The bird called the river
 As it flew above it.
 The river smiled
 And said,’Speak, Bird.’
 The bird flew higher.
 Flying above the cliff
 The bird called.
 The cliff said softly,
 ‘Speak, Bird.’
 The bird
 Flew higher and higher.
 Its voice got lost.
 The bird has returned now
 To say,
 Fly only as high 
 As the reach of
 Your own call.’
निसर्ग
 सूरज ने कहा-
 अपने द्वार खोलो
 मेरी रोशनी
 तुम्हारी होगी
 वृक्षों ने कहा-
 मेरे करीब बैठो
 मेरी छाया 
 तुम्हारी होगी
 नदियों ने कहा -
 मेरे किनारे आकर
 हाथ बढ़ाओ 
 मेरी बहती धारा 
 तुम्हारी होगी 
 मैंने ऐसा ही किया
 अब रोशनी मेरी है 
 छाया भी मेरी है
 मेरे जीवन की धारा 
 निर्बाध बहती है
Offering
 The Sun said,
 ‘Open your door.
 My light is yours.’
 The trees said,
 ‘Sit near us.
 Our shade is yours.’
 The river said,
 ‘Come close and
 Touch me. My flowing
 Water is yours.’
 I did what they bid
 Me to do.
 Now the light is mine.
 The shade is mine.
 The river of my life
 Flows on smoothly.
भाई तुम महान हो
 मैंने आकाश से कहा-
 तुम बहुत ऊँचे हो
 आकाश ने 
 मुस्कुराकर कहा-
 तुम मुझसे भी ज्यादा ऊँचे हो
 मैंने सागर से कहा-
 तुम खूब गहरे हो
 सागर ने लहराकर कहा-
 तुम मुझसे भी अधिक गहरे हो
 मैंने सूरज से कहा-
 सूरज दादा!
 तुम बहुत तेजस्वी हो
 सूरज ने हसंकर कहा -
 तुम मुझसे भी कई गुने तेजस्वी हो 
 मैंने आदमी से कहा-
 भाई तुम महान ही
 आदमी झट से बोला-
 तुम ठीक कहते हो!
Man you are Great
 I said to the sky,
 ‘You are so high!’
 The sky smiled
 And said,’you are higher than me.’
 I said to the sea,
 ‘You are so deep.’
 The sea swelled up and said,
 ‘You are deeper than me.’
 I said to the Sun,
 ‘Dear Sun’
 You are so bright.’
 The Sun laughed and said,
 ‘You are many times
 Brighter than me.’
 I said to man,
 ‘Man, you are great.’
 Man said without 
 Hesitation,
 ‘You are so right.’
बंटवारा 
 आकाश सबका
 दीवारें हमारी अपनी 
 नदी सबकी
 गागर हमारी अपनी
 धरती सबकी
 आँगन हमारा अपना
 विराट सबका
 सीमाएं हमारी अपनी
Division
 The sky belongs
 To everyone,but
 Walls? They are our own.
 The river is for all.
 But vessels
 Are our own.
 The earth is for everyone.
 But courtyards
 Are our own.
 This limitless world
 Is for all. But boundries
 Are our own.
रास्ते 
 चिड़िया!
 पूरा आकाश
 तुम्हारा है
 हर बार
 तुम अपने लिए
 अपना रास्ता बनाती हो
 सुदूर क्षितिज तक
 आती-जाती
 और चहचहाती हो
 दुनिया ने
  जितने रास्ते बनाये 
 उनमें लोग 
 कभी भरमाये
 पर तुम्हारा 
 रास्ता साफ़ है
 जिससे गुजरने पर
 सारा आकाश
 जैसा है
 वैसा ही 
 रहता है!
Paths
 Bird, the entire sky
 Is yours. Each time
 You fly you make
 Your own path. Then you travel
 From one end of the horizon
 To the other singing all the while.
 But the world gets lost,
 Or is ruined,
 Or loses itself
 Travelling the paths
 It made for itself.
 Your path, Bird, however,
 Is always defined.
 In using it
 You leave the sky pristine.
रीतापन
 चिड़िया आयी
 उसके करीब
 एक चिड़िया 
 और आयी
 चहचहायी 
 सारा आकाश भर गया
 चिड़िया की चहचहाहट से
 जीवन का रीतापन 
 भर नहीं पाया आदमी
 परस्पर मधुर संवाद से !
Emptiness
 A bird alighted;
 Near it another bird
 Came and sang.
 The entire sky
 Resounded with the birds’ singing.
 It’s man only who could not fill
 His life’s emptiness
 With mutual mild talk.
निर्लिप्त
 चिड़िया जानती है
 तिनके जोड़ना 
 नीड़ बनाना
 और बच्चे की 
 परवरिश करना
 बड़े होकर
 बच्चे बना लेते हैं
 अपना अलग नीड़
 वह सहज
 स्वीकार लेती है
 अकेले रहना
 उसे नहीं होती
 शिकायत
 अपने -पराये किसी से भी
 वह भूल जाती है
 तमाम विपदाएँ
 उसे याद रहता है सदा 
 गीत गाना/चहचहाना
 असीम आकाश में उड़ना 
 और अपना चिड़िया होना !
Detached
 The bird knows
 How to gather twigs
 For its nest.It knows
 How to raise its
 Younglings.
 When the younglings
 Grow up
 They make their separate
 Nests.
 The bird does not mind.
 It accepts its aloneness.
 The bird does not complain
 To anybody.
 The bird forgets all the past 
 Moments of crisis.
 It remembers
 Its own songs only.
 It remembers singing;
 And flying in the sky.
 The bird only remembers
 How to be a bird.
आत्मीय स्पर्श
 जीवन आकाश-सा हो
 तो विस्तार असीम है
 वृक्ष सा हो
 तो छाया 
 सघन है
 जीवन 
 सूरज-सा हो
 तो रोशनी
 हरदम है
 जीवन में
 आत्मीय स्पर्श हो
 तो हर क्षण स्वर्णिम है!
Soulfulness
 Life is endless
 If it is like the sky.
 Life is dense shade
 If it is like a tree.
 If it is like the sun,
 Then life is light.
 Each moment is ecstacy
 If life has soulfulness
 In it.
 अपना घर
 चिड़िया तुम आती हो
 मेरे घर
 मुझे अपना घर
 तब बहुत अच्छा लगता है!
 तुम बना लेती हो 
 अपना घर
 मेरे घर में
 मुझे यह भी अच्छा लगता है!
 मैं जानता हूँ 
 तुम मेरे घर 
 नहीं आती 
 अपने घर आती हो
 पर अपने घर
  आने के लिए
 तुम्हारा मेरे घर आना
 मुझे अच्छा लगता है
 सचमुच 
 तुम्हारे घर ने
 मेरे घर को 
 अपना घर बना दिया !
Home
 Bird, when you come to my house,
 Your coming
 Makes me like my house.
 Bird, I like you making
 Your home
 In my house.
 I know, Bird, you do not come
 To my house
 But to your own.
 But in coming to your own home
 I like your coming
 To my house.
 Bird, your making your home
 In my house,
 Makes my house
 So much my home.
सुबह की तलाश
 कई बार सोचा
 कि सुबह होते ही
 पक्षियों का
 मधुर गान सुनूंगा !
 कि सुबह होते ही
 उगते सूरज
 खिलते फूल 
 और बहती नदी का
 सौंदर्य देखूंगा !
 किसी वृक्ष के नीचे
 शीतल शिला पर
 अपने में मगन होकर बैठूंगा !
 पर अपने ही 
 मन के मलिन अँधेरे में 
 अपने ही जीवन के 
 आर्त स्वरों में
 और अपने ही बनाये बंधनों में
 घिरा सिमटा में
 सुबह की तलाश में हूँ !
In Search of meaning
 Often I thought that
 I would listen to the birds
 When they sing at dawn.
 That I would
 Watch the rising Sun,
 Watch the flawer as it blossoms,
 Watch the river’s liveliness
 As it flows by.
 And I thought I would sit
 Under a tree on a rock
 And go deep in my own soul.
 But lost in the darkness
 Of my own dark mind,
 Lost in the distresses sounds
 Of my own mean life,
 Lost in the fetters
 Of my own making,
 I am looking still
 For that morning.
आदत
 चिड़िया का 
 आकाश में 
 ऊँचे उड़ना
 प्रकृति का 
 सहज-सरल
 और उन्मुक्त होना,
 अब हमें प्रेरणा नहीं देता!
 वृक्षों का 
 हवाओं में लहराना
 और फल-फूलों से भरकर
 कृतज्ञता से झुक जाना
 अब हमें आंदोलित नहीं करता !
 किसी का 
 सच्चा होना
 भला और अच्छा होना
 अब हमें चुनौती नहीं देता !
 असल में 
 हमारी आदत नहीं रही
 आदतें बदलने की !
Habit
 The bird
 Flying high in the sky,
 And nature
 Vast in its spontaneity,
 No longer
 Inspire us.
 The tree swaying with the wind,
 Bending low with its
 Flower and fruit blessings,
 No longer thrills us.
 We are not impressed also,
 By anyone’s
 Uprightness
 Or honesty.
 I think, we no longer
 Wish to change
 Our set habits.
चित्रांकन
 उसने कहा-
 जीवन में 
 एक चित्र ऐसा बनाना
 कि जिसमें सब ओर
 खुला आकाश हो
 कि अपनी सीमाएं
 स्वयं निर्धारित करता 
 कोई महासागर हो,
 कि अपने ही बनाये 
 किनारों के बीच
 बहती नदी हो,
 कि अपने ही हाथों
 अपना सर्वस्व लुटाता
 एक वृक्ष हो 
 और समूचे आकाश को 
 अपने गीतों से 
 भर देने वाली 
 कोई चिड़िया हो,
 जरूर बनाना 
 जीवन का ऐसा चित्र,
 जिसमें जीवन और जगत के बीच
 सीधा सम्बन्ध हो !
Painting
 He said,’Please
 Paint a canvas
 With borers of the sky;
 A sea endless
 In its own making;
 A tree that gives away
 With both hands
 Its tree-life;also
 A bird filling the sky
 With its own swet singing.
 Please do make
 A painting of life
 Linking the universe
 Of life’s heartbeat.
प्रतिदान
 चिड़िया ने
 अपनी चोंच में
 जितना समाया
 उतना पिया
 उतना ही लिया,
 सागर में जल
 खेतों में दाना
 बहुत था!
 चिड़िया ने 
 घोंसला बनाया इतना
 जिसमें समां जाए 
 जीवन अपना
 संसार बहुत बड़ा था !
 चिड़िया ने रोज 
 एक गीत गया
 ऐसा जो 
 धरती और आकाश
 सब में समाया 
 चिड़िया ने सदा सिखाया 
 एक लेना
 देना सवाया !
Giving
 The bird took
 Only as much as its beak
 Could hold;
 It swallowed only
 As much as it could drink.
 Thus the grain in the field,
 The water in the sea,
 Remained enough and plenty.
 The bird made its nest
 Only as big
 As its own body.
 The world remained so big
 And wide.
 The bird sang a song
 Each day
 A song that
 Filled the earth
 And the sky.
 The bird taught us;
 Take less
 And give plenty.
शीशा देने वाला
 जब भी मैं रोया करता 
 माँ कहती-
 यह लो शीशा,
 देखो इसमें 
 कैसे तो लगती है 
 रोनी सूरत अपनी 
 अनदेखे ही शीशा 
 मैं सोच-सोचकर
 अपनी रोनी सूरत 
 हंसने लगता!
 एक बार रोई थी माँ भी 
 नानी के मरने पर 
 फिर मरते दम तक
 माँ को मैंने खुलकर हँसते 
 कभी नहीं देखा!
 माँ के जीवन में शायद 
 शीशा देने वाला
 अब कोई नहीं था!
 सबके जीवन में ऐसे ही
 खो जाता होगा
 कोई शीशा देने वाला !
Mirror Holder
Whenever I cried
My mother held up
A mirror and said,
‘Look,this is how you look
When you weep.’
I laughed then,
Imagining my
Weepy face without even
Glancing at the mirror.
Mother too cried once
When her mother died.
After that my mother
Did not laugh as she used to
Till she died.
Perhaps there was no one
To hand a mirror to my mother.
Perhaps we lose
One by one,those who 
Show us our face
By holding up a mirror.
 सम्बन्ध 
 नदी बहती है सदा 
 किनारे बन जाते हैं!
 नदी बदलती है रास्ता
 किनारे मुड़ जाते हैं!
 नदी उफनती है कभी
 किनारे डूब जाते हैं!
 नदी समा जाती है सागर में
 किनारे छूट जाते हैं!
 संबंधों की सार्थकता 
 मानो जीवन के प्रवाह की 
 पूर्णता में है!
Relationship
 The river banks are forged
 When a river flows.
 When river changes its course,
 The river banks too are changed.
 When the river overflows,
 The banks drown in the flow.
 When the river reaches the sea,
 The banks are left behind.
 I suppose, relationship are fulfilling
 Only when they help
 Our life to flow.
चिड़िया
 मैं देखता हूँ
 चिड़िया
 रोज आती है!
 और मैं जानता हूँ
 वही चिड़िया
 रोज नहीं आती !
 पर वह दूसरी है
 मैं ऐसा कैसे कहूँ!
 अच्छा हुआ
 मैंने कोई नाम नहीं दिया
 उसे चिड़िया ही
  रहने दिया!
Bird
I watch the bird as it comes
Each day;
I know its not the same bird
Which comes each day.
Yet how should I say
That this bird
Is a different bird!
I am glad
I did not name the bird.
Now the bird is
Just a bird.
पीड़ा
 घर का
 बँटवारा हो गया
 जमीन-जायदाद
 सब बँट गयी,
 अमराई और कुआँ भी
 आधे-आधे हो गये,
 अब मेरे हिस्से में मेरा
 और उसके हिस्से में
 उसका आकाश है!
 सवाल यह नहीं है
 कि किसे कम मिला
 और किसके हिस्से में 
 ज्यादा आया है,
 मेरी पीड़ा
 अपने ही
 बँट जाने की है!
Anguish
The house got divided.
The land and other property too
Got divided.
Even the mango grove
And the well got divided.
Now I have my sky
On my side,
And he has his sky
On his side.
It’s not a question
Of who got more
And who was cheated.
My anguish is
About myself being
Divided.
सफेद पर सफेद
 मैंने कई बार
 उससे कहा
 कि सफेद पर सफेद से
 मत लिखा करे,
 इस तरह लिखना
 कहाँ दिखता है?
 उसका कहना है कि
 सवाल लिखने का है
 दिखने का ख्याल
 एकदम झूठा है,
 और सफेद पर 
 काला लिखना 
 ठीक भी नहीं लगता,
 सफेद पर तो 
 सफेद ही लिखा जाता है,
 तब कितना भी लिखो-
 कागज़
 सफेद रहता आता है!
White on White
 I told him many a times
 To not write on white paper
 With white ink.
 ‘Who would read it
 If you write like this?’
 He said,’what matters is that you write.
 It matters not
 If no one can see it.
 In any case, to write
 Black on white
 Seems like impropriety.
 White demands white.
 Then no matter how much you write,
 The surface
 Remains white.’
खेल
 देखा,
 एक वृक्ष के नीचे
 टूटे गिरे
 छिन्न सूखे
 पत्तों पर
 उछल-कूद करती
 चिड़ियों का 
 अपने ही पैरों की
 ध्वनियां सुनना
 और मुग्ध हो
 कुछ कहकर
 फिर चुप रहकर
 विस्मय से
 सब ओर देखना!
 लगा, जगत का खेल
 यही है इतना,
 अपनी ही प्रतिध्वनियों में
 विस्मय विमुग्ध हो
 खोये रहना!
Play
 I saw
 Under a tree
 On dry leave, birds playing
 And listening
 To the music
 Of their own footfall.
 They seemed so happy
 As they looked about;
 So much in love
 With the sound of their own making.
 I realized
 That all we do on the world-stage
 Is only this:
 To hear the echoes
 Of our own voices,
 And remain oblivious
 To everything else.
साधना
 अभी मुझे और धीरे
 कदम रखना है ,
 अभी तो
 चलने की
 आवाज़ आती है !
Practice
 I have to learn
 To walk even more
 Lightly,
 Because, I can hear still
 The sound of my own
 Trudging feet.
गंतव्य
 यात्रा पर निकला हूँ,
 लोग बार-बार
 पूछते हैं,कहाँ कितना चलोगे?
 कहाँ तक जाना है?
 मैं मुस्कुराकर
 आगे बढ़ जाता हूँ,
 किससे कहूँ
 कि कहीं तो नहीं जाना,
 मुझे इस बार
 अपने तक आना है!
Destination
 As I start on my journey
 People ask,
 How far shall you walk
 This time? And where to?
 I smile and move on.
 How should I tell them
 That this time
 I walk
 Towards myself only?
पहला कदम
 सारे द्धार
 खोलकर
 बाहर निकल
 आया हूँ,
 यह
 मेरे भीतर
 प्रवेश का
 पहला कदम है!
First Step 
I have unlocked 
all the doors. 
Out in the open, 
this is my first step 
to enter 
my own inner self.
दाता
 उसने कुछ नहीं जोड़ा,
 लोग बताते हैं
 पहनने का एक जोड़ा भी
 उसके पास
 नहीं मिला,
 ज़िन्दगी भर अपना सब
 देता रहा,
 दे-देकर
 सबको जोड़ता रहा!
Giver 
He did now save 
anything. 
People say,he did not leave 
even a set of clothing. 
He gave away what he had 
all through his life . 
By giving, he collected 
every one around him.
एक अनुभूति
 जितनी दूर
  देखता हूँ
 उतनी ही 
 रिक्तता पाता हूँ 
 जितना निकट
  आता हूँ
 उतना ही 
 भर जाता हूँ!
A Feeling
There is only emptiness
And more emptiness
As I look farther
And farther.
When I come nearer,
I am more and more
Fulfilled.

चुप रह जाता हूँ
 जब कभी
 लगता है
 कि तुमसे पूछूँ-
 बच्चों की तरह,
 कि सूरज को
 रोशनी कौन देता है,
 कि आकाश में
 इतना नीलापन 
 कहाँ से आता है,
 कि सागर में 
 इतना पानी 
 कौन भर जाता है,
 तब यह सोचकर
 कि कहीं तुम हंसकर
 टाल न दो
 कि मैं बड़ा हो गया हूँ
 मैं चुप रहा जाता हूँ!
I Do Not Ask
Sometimes I wish to ask you
Like a mere child,
‘Please tell me,
Who gives to the sun
Its light?
Who brings so much blueness
To the sky?
Who keeps
The ocean
Filled to the brim?’
But I do not ask.
I am afraid
That you may laugh
And say,
‘You are no longer a child.’
And silence me.

फानूस पर चिड़िया
 कांच के नाजुक फानूस पर 
 बैठी चिड़िया
 बहुत भोली
 और अच्छी लगती है,
 पर मन डरता है
 कि कहीं फानूस 
 टूटकर गिर न जाए 
 कि कहीं चिड़िया
 उड़ न जाए!
Bird On the Glass Chandelier
The bird looks
So innocent and elegant
Sitting on the delicate
Glass of the chandelier.
I fear, however
That the glass may break
And the bird will
Fly away.
मैंने ऐसा क्यों सोचा
 आज 
 जब चिड़िया
 देर तक
 मुझे एकटक
 देखती रही,
 फिर सहमी
 और सहसा उड़ गयी!
 मैं दिन भर 
 उदास रहा,
 कि मैंने
 ऐसा क्यों सोचा
 कि चिड़िया का
 एक पिंजरा होता!
Why Did I wish
Today, the bird
Looked at me intently,
Then suddenly
Flew away in fright.
I was sad when I realized
That I had wished
For a cage
To hold the bird in.

प्रतियोगिता
 मैं उसी दिन
 समझ गया था
 जब मैंने
 ईश्वर होना चाहा था,
 कि अब 
 कोई जरूर
 ईश्वर से
 बड़ा होना चाहेगा!
 और अब सब 
 ईश्वर से बड़े हो गए हैं,
 कोई
 ईश्वर नहीं है!
Competition
The day I wished
To be god,
I knew that someone
Now surely would want
To be larger than god.
Now everyone
Is larger than god.
No one is god.

झूठा सच
 बचपन के 
 जाने कितने सच
 बड़े होने पर
 झूठे मालूम पड़ते हाँ!
 क्या सचमुच
 बड़े होते-होते हम
 सच को
 झूठ करते जाते हैं?
False truth
So many truths
Of our childhood
Seem false when we
Grow up.
Do we really
Turn all truths
Into falsehood
As we grow tall?
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