सेवा संस्कार केन्द्र (इंदौर)
144, कंचन बाग, इन्दौर (मध्य प्रदेश) – 452001
फोन: 2529831
बैंक : यूको बैंक
ब्राँच : तिलक नगर
खाता क्र. : 05250110005620
प्रमुख उद्देश्य
सर्व समाज के लोगों में सांस्कृतिक उत्थान व समस्त प्राणियों के प्रति सेवा भावनाओं को परिष्कृत करने हेतु समग्र प्रयास करना।
विशेषकर करुणा, समभाव, समन्वय, प्राणीमात्र के प्रति प्रेम व अहिंसा प्रधान जैन समाज को प्रदर्शन, प्रतिष्ठा एवं व्यर्थ के आडम्बरों से मुक्ति दिलाकर आधारभूत सेवा कार्यों की ओर प्रवृत्त करना।
निःस्वार्थ सेवाओं को किसी सम्प्रदाय व समाज के लोगों तक सीमित नहीं रखते हुए उपलब्ध साधनों के अंतर्गत पीडित निर्धन, निःसहाय, अभावग्रस्त, अल्प आय वर्ग के जरूरतमन्दों तक पहुँचाना।
कर्मठ व समर्पित कार्यकर्ताओं द्वारा दी गई निःस्वार्थ सेवाओं का सम्मान करते हुए उन्हें समाज में सम्मानित जीवन-यापन हेतु उपलब्ध स्रोतों के अंतर्गत बुनियादी सुविधाएँ प्रदान करना।
शहरी, ग्रामीण एवं आदिवासी निर्धन, निःसहाय, अल्प आय वर्ग के जरूरतमन्द लोगों की शिक्षा, चिकित्सा, सुसंस्कार रोजगार एवं ग्राम स्वावलम्बन के लिए भरसक सहयोग करना।
देश के अनेक ग्रामीण क्षेत्रों में जैन समाज द्वारा मिशनरी भावना (समर्पित सेवा) के अनुरूप स्थायी सेवा संस्कार केन्द्र स्थापित करना व उक्त उल्लेखित सेवाओं का संचालन करना, इस हेतु एक मॉडल सेवा संस्कार केन्द्र यथाशीघ्र इंदौर जिला या आसपास के जिला क्षेत्रों में स्थापित करना।
पदविहार करने वाले साधु-संतों एवं त्यागी वृत्तियों के ठहरने की उत्तम व्यवस्था हेतु समाज को प्रेरित करना।
सेवा महायज्ञ में आप अपनी विशिष्टि आहुति इस प्रकार दे सकते है:
गीता भवन ट्रस्ट द्वारा संचालित हास्पिटल में प्रत्येक रविवार शाम 4 से 5 बजे तक निष्पादित सेवा कार्यक्रम में अपनी नियमित उपस्थिति देकर।
सर सेठ हुकुमचन्द ट्रस्ट द्वारा संचालित श्रीमती प्रेमकुमारी देवी हास्पिटल, बियाबानी के जनरल वार्ड्स के रोगियों के हितार्थ प्रारम्भ की गई सेवा गतिविधियों में प्रत्येक रविवार सुबह 11 से 12 बजे के मध्य अपनी सहृदय उपस्थिति देकर।
चलित अस्पताल, जो सुदूर ग्रामीण आदिवासी क्षेत्रों में संचालित है उसमें आर्थिक सहयोग एवं दौरों में भाग लेकर।
ग्रामीण क्षेत्रों की अति निर्धन प्रसूताओं को केन्द्र द्वारा वितरित की जा रही ‘नवजात शिशु कल्याण सामग्री’ (किट) में अपना अमूल्य आर्थिक सहयोग प्रदान कर।
पारिवारिक महत्वपूर्ण यादगार दिवसों पर (पूर्वजों के स्मृति दिवस, जन्मदिन, विवाह तिथि या कोई भी मंगल अवसरों पर) परिवार सहित सेवा कार्यों में सहयोगी बनकर।
जरूरतमन्द रोगियों या आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को पहनने योग्य अपने पुराने कपड़े देकर (जैसे कपड़े छोटे हो जाना, फैशन के बाहर हो जाना या दिल से उतर जाना आदि।)
मन्द दृष्टि वाले रोगियों के हितार्थ-घर में पड़े अनुपयोगी चश्मे की फ्रेमें या चश्मे के घर आदि देकर।