नागपुर के चिटनिस पार्क में आचार्य विद्यासागरजी महाराज के समाधि महोत्सव के तहत आयोजित विनयांजलि सभा को आरएसएस प्रमुख ने संबोधित किया। भागवत ने आचार्य विद्यासागरजी महाराज की भारत के रत्न और सच्चे देशभक्त के रूप में प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि दुनिया को उनकी शिक्षाओं का पालन करना चाहिए। भागवत ने कहा कि श्रद्धेय संत हमेशा देश को इंडिया नहीं भारत कहते थे।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत ने रविवार को आचार्य विद्यासागरजी महाराज की भारत के रत्न और सच्चे देशभक्त के रूप में प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि दुनिया को उनकी शिक्षाओं का पालन करना चाहिए। मोहन भागवत नागपुर के चिटनिस पार्क में आचार्य विद्यासागरजी महाराज के समाधि महोत्सव के तहत आयोजित विनयांजलि सभा में बोल रहे थे।
कार्यक्रम का आयोजन श्री दिगंबर जैन परवार मंदिर ट्रस्ट एवं सकल जैन समाज द्वारा किया गया था।भागवत ने कहा कि विद्यासागरजी महाराज के दर्शन मात्र से अनगिनत लोगों के जीवन में स्थिरता आ जाती थी। वह वास्तव में एक देशभक्त थे। उन्होंने समय-समय पर आध्यात्मिकता से लेकर देश के विकास तक विभिन्न विषयों पर मार्गदर्शन दिया और सभी को एक रास्ता दिखाया। दुनिया को उनकी शिक्षाओं का पालन करना चाहिए।
भागवत ने कहा कि श्रद्धेय संत हमेशा देश को इंडिया नहीं भारत कहते थे। सकल जैन समाज के राष्ट्रीय अध्यक्ष डा. विजय दर्डा ने कहा कि विद्यासागरजी महाराज न केवल एक पूज्य संत थे, बल्कि भगवान के अवतार थे। दर्डा ने कहा आचार्यजी से मिलने के बाद मुझे एहसास हुआ कि ईश्वर बिल्कुल ऐसे ही होते हैं। 1994 में मुझे रामटेक में चातुर्मास के दौरान उनसे मिलने का सौभाग्य मिला था।