आचार्यश्री समयसागर जी महाराज इस समय डोंगरगढ़ में हैंयोगसागर जी महाराज इस समय चंद्रगिरि तीर्थक्षेत्र डोंगरगढ़ में हैं Youtube - आचार्यश्री विद्यासागरजी के प्रवचन देखिए Youtube पर आचार्यश्री के वॉलपेपर Android पर आर्यिका पूर्णमति माताजी डूंगरपुर  में हैं।दिगंबर जैन टेम्पल/धर्मशाला Android पर Apple Store - शाकाहारी रेस्टोरेंट आईफोन/आईपैड पर Apple Store - जैन टेम्पल आईफोन/आईपैड पर Apple Store - आचार्यश्री विद्यासागरजी के वॉलपेपर फ्री डाउनलोड करें देश और विदेश के शाकाहारी जैन रेस्तराँ एवं होटल की जानकारी के लिए www.bevegetarian.in विजिट करें

प्रवचन : आचार्यश्री विद्यासागरजी महाराज : (नेमावर) {11 अगस्त 2019}

  • प्रदूषण भारत का भूषण हो गया

  • विज्ञान जितना बढ़ रहा है, बीमारियां भी उतनी ही बढ़ रही हैं

  • इस युग में आधुनिक क्रांति तो हुई, पर शांति खत्म हो गई

सिद्धोदय सिद्धक्षेत्र, नेमावर। पक्षी दाने के लिए तो कूदता है, पर पेड़ पर बैठने के लिए उड़ता है। यह उस पर्याय की विशेषता है। आप विशेष साधना से ही यह कर सकते हैं। पंखों के कारण उसे ना भीती और ना ही गिरने का भय रहता है। जबकि इंसान को बैठे-बैठे या लेटे-लेटे ही चक्कर आ जाता है।

किसी पेड़ पर फल के पास बैठा पक्षी स्वतंत्र है, रोकने वाला कोई नहीं, पकड़ने वाला कोई नहीं, रात में भी सुरक्षित स्थान ढूंढ लेता है, इधर-उधर निगाह भी रखता है… लेकिन इंसान परतंत्र है। भौतिकता की चकाचौंध में हम पुराने भारत को भूल रहे हैं। सही मायने में तो स्वतंत्रता के इतने सालों बाद भी हम परतंत्र हैं। इस युग में आधुनिक क्रांति तो हुई है, पर शांति खत्म हो गई।

आज विज्ञान जितना बढ़ रहा है, बीमारियां भी उतनी ही बढ़ रही हैं। आज हवा के लिए भी टिकिट, पानी के लिए भी टिकिट, रोशनी के लिए भी टिकट चाहिए। पानी भी बिकता है। शुद्ध पानी, दूध, पेट्रोल मिलना कठिन हो गया है। राख मिलनी ही बंद हो गई है, पुराने लोग क्या सोंचते होंगे? रसायन युक्त दवाइयों का असर खेतीबाड़ी पर पड़ रहा है। जिनके कारण खाद्य सामग्री दूषित हो रही है। जमीन के अंदर का पानी भी प्रदूषित हो गया है। गाय का गोबर अच्छा है, यूरिया हर दृष्टि से हानिकारक है।

आप भाग्यशाली हो जो आपको घरवालों ने शुद्ध दूध पिलाया, लेकिन आप अपने बच्चों को क्या दे रहे हो.? जहां एक गाय या बकरी भी नहीं रहती, वहां से इतना दूध, घी, खोवा कैसे आ रहा है? सुनने में आ रहा है कि अब तो यूरिया से भी दूध बनाया जा रहा है, यही सब तो बीमारी का कारण है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसी ही स्थिति रही तो अगले कुछ सालों में भारत की 80 प्रतिशत जनता गम्भीर बिमारी में जकड़ी हुई होगी।

आज प्रदूषण ही भारत का भूषण हो गया है। यहां तक कि हमारा मस्तिष्क भी रासायनिक हो गया है। आज बच्चे कमजोर पैदा हो रहे हैं। हवा-पानी तो दूषित हुआ ही है, इसके कारण मन भी प्रदूषित हो गया है। आलू में एसेंस डालकर घी बन रहा है और हम विज्ञान के इस काल को रामराज्य मान रहे हैं। वैज्ञानिक युग में दूरसंचार तो हुआ, लेकिन रक्त का संचार प्रदूषित हो गया।

भारत के पास हजारों वर्ष पुराने आयुर्वेद के ग्रंथ है। आयुर्वेद को अब विदेशी भी अपनाने लगे हैं। लेकिन हम भारतीय अपनी इस पद्धति को छोड़कर तुरंत आराम के लिए एलोपैथी के पीछे भाग रहे हैं। ऐसी कई दवाईयां हैं, जो विदेशों में तो प्रतिबंधित है लेकिन भारत में धड़ल्ले से बिक रही हैं। परिवर्तन कठिन है, लेकिन अभी वो समय है जब भारत को करवट लेने की जरूरत है। 10 प्रतिशत भी परिवर्तन हो गया तो काम बहुत हो सकता है। हमारी यह पत्रिका मुफ्त है, मूल्य है सदुपयोग.. अहिंसा परमो धर्म की जय…

-पुनीत जैन, खातेगांव (+919713711000)

प्रवचन वीडियो

कैलेंडर

september, 2024

चौदस 01st Sep, 202401st Sep, 2024

चौदस 11th Sep, 202411th Sep, 2024

चौदस 17th Sep, 202417th Sep, 2024

चौदस 25th Sep, 202425th Sep, 2024

X