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लोकसभा अध्‍यक्ष से बोले आचार्यश्री विद्यासागर जी : संसद में हिंदी का उपयोग हो

अपने देश को इंडिया नहीं भारत बोलें

देवास (मप्र)। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला गुरुवार दोपहर डेढ; बजे नेमावर पहुंचे। उन्होंने यहां सिद्धोदय सिद्ध तीर्थ क्षेत्र में चातुर्मास कर रहे आचार्यश्री विद्यासागरजी महाराज से भेंट कर उनका आशीर्वाद प्राप्त किया। करीब एक घंटे तक आचार्य श्री व लोकसभा अध्यक्ष के मध्य चर्चा हुई।

चर्चा के दौरान आचार्यश्री ने हिंदी भाषा के ज्यादा से ज्यादा उपयोग पर जोर दिया। कहा कि संसद में भी हिंदी के शब्दों का उपयोग होना चाहिए। इस संबंध में आचार्यश्री ने ‘अंग्रेजी माध्यम का भ्रमजाल” नामक किताब भी लोकसभा अध्यक्ष बिरला को दी। आचार्य श्री ने कहा कि मातृ भाषा में जो भाव हम प्रकट कर सकते हैं वो भाव किसी ओर भाषा में नहीं कर सकते हैं। सभी इसके लिए साथ हैं।

उधर चर्चा के दौरान लोकसभा अध्यक्ष बिरला ने बांग्लादेश के इतिहास को लेकर भी चर्चा की। उन्होंने बताया कि हाल ही में एक शिष्ट मंडल बांग्लादेश गया था। वहां चर्चा हुई और इतिहास देखा। बांग्लादेश को आजाद कराने में हिंदूस्तान का बड़ा योगदान है और यह बात इसी सदी की है लेकिन वहां के इतिहास में इसका जिक्र तक नहीं किया गया।

इस पर आचार्यश्री ने कहा कि अध्ययन नहीं करना और अध्ययन होते हुए भी उसे छुपाना ठीक नहीं है। केवल पाने का कार्यक्रम भी ठीक नहीं है। लोकसभा अध्यक्ष ने इस पर कहा कि कई ऐसी चीजें हैं जो आज भी चल रही है। अभी भी संसद में ब्रिटिश कानून ही चल रहा है। इतिहास लिखने वाले लोग वही थे और उन्होंने अपने हिसाब से इतिहास लिख दिया। आचार्यश्री ने कहा कि जो इतिहास अंग्रेजों द्वारा लिखा गया वही ईसा में आता है।

भारत को इंडिया कहने पर भी आचार्यश्री ने अपनी बात रखी। कहा कि भारत का हजारों साल पुराना इतिहास है। उस समय से देश का नाम भारत है। इसलिए भारत ही बोला जाना चाहिए।

चर्चा के दौरान आचार्यश्री ने हथकरघा उद्योग को बढ़ावा देने की भी बात कही। बताया कि हैंडलूम वस्त्रों का ज्यादा से ज्यादा उपयोग होना चाहिए। इससे यह काम करने वाले लोगों की जीवन शैली में सुधार आएगा। आचार्य श्री की प्रेरणा से काम कर रहे हरकरघा कारीगरों द्वारा बनाए गए वस्त्र भी लोकसभा अध्यक्ष को दिखाए गए। नेमावर को लेकर भी आचार्यश्री ने लोकसभा अध्यक्ष को जानकारी दी। बताया कि यह मां नर्मदा का नाभिस्थल है। यहां साढ़े पांच करोड़ मुनि मोक्ष गए हैं। आचार्यश्री ने गोशाला के संबंध में भी चर्चा की।

लोकसभा अध्यक्ष बिरला के साथ इंदौर सांसद शंकर ललवानी, विदिशा सांसद रमाकांत भार्गव, देवास सांसद महेंद्रसिंह सोलंकी, भाजपा जिलाध्यक्ष नंदकिशोर पाटीदार, खातेगांव विधायक आशीष शर्मा, आरके मार्बल के अशोक पाटनी, कोटा के राकेश जैन आदि थे।

इस दौरान लोकसभा अध्यक्ष व अन्य सांसदों को आचार्यश्री की लिखी मुकमाटी किताब भेंट की गई। इस दौरान बताया कि यह पुस्तक सभी सांसदों को भेजी जाएगी। तीन सौ विद्वानों ने इस पुस्तक की समीक्षा की है। चर्चा के दौरान सिद्धोदय सिद्ध तीर्थ क्षेत्र के कार्याध्यक्ष संजय जैन मैक्स, पूर्व विधायक बृजमोहन धूत, राजेश धूत सहित अन्य उपस्थित थे।

मीडिया से चर्चा करते हुए लोकसभा अध्यक्ष बिरला ने कहा कि आचार्यश्री के विचार व संदेश से देश व पूरे विश्व के मानवदर्शन में व्यापक परितर्वतन आया है। आचार्यश्री के विचारों व संस्कारों के माध्यम से समाज में परिवर्तन की दिशा बनी है। समाज में परिवर्तन के लिए आचार्यश्री कई पुण्य के काम अपने प्रयासों से कर रहे हैं। आचार्यश्री गरीब से गरीब व्यक्ति के जीवन में उजाला लाना चाहते हैं। वे बच्‍चों को अच्छी शिक्षा देने का काम कर रहे हैं।

साभार : नईदुनिया

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