आचार्यश्री समयसागर जी महाराज इस समय डोंगरगढ़ में हैंयोगसागर जी महाराज इस समय चंद्रगिरि तीर्थक्षेत्र डोंगरगढ़ में हैं Youtube - आचार्यश्री विद्यासागरजी के प्रवचन देखिए Youtube पर आचार्यश्री के वॉलपेपर Android पर आर्यिका पूर्णमति माताजी डूंगरपुर  में हैं।दिगंबर जैन टेम्पल/धर्मशाला Android पर Apple Store - शाकाहारी रेस्टोरेंट आईफोन/आईपैड पर Apple Store - जैन टेम्पल आईफोन/आईपैड पर Apple Store - आचार्यश्री विद्यासागरजी के वॉलपेपर फ्री डाउनलोड करें देश और विदेश के शाकाहारी जैन रेस्तराँ एवं होटल की जानकारी के लिए www.bevegetarian.in विजिट करें

चाबी लगने के बाद…

चाबी लगने के बाद झूमरनुमा डोम दो हजार साल के लिये सुरक्षित हो गया

[13-02-2010]

फाल्गुन कृष्णा-चतुर्दशी, शनिवार 13 फरवरी को प्रशस्त्र शुभ लग्न मे संत शिरोमणि आचार्य श्री 108 पूज्य विद्यासागर जी महाराज ससंघ के सानिध्य में कुण्डलपुर (दमोह) के ‘श्री बडे बाबा’ भगवान आदिनाथ के लिये नव-निर्माणाधीन पाषाण के मन्दिर के डोम पर आठ टन वजनी कलात्मक श्वेत संगमरमर की झूमरनुमा चाबी लगाने का ऐतिहासिक कार्य सम्पन्न हो गया। ‘श्री बडे बाबा’ के सामने वाले खुले भाग में जहाँ आचार्य विराजमान थे, उनके एक ओर ‘मयूर’ संगमरमर की शिला में उत्कीर्ण था, तो दूसरी शिला में उत्कीर्ण जैन सरस्वती विराजमान थी। कुण्डलाकार पर्वत श्रृंखला पर स्थित श्रीधर केवली की निर्वाँण भूमि पर देवाधिदेव 1008 श्री आदिनाथ भगवान की पाषाण की भव्य पद्मासन प्रतिमा जी के अनुकूल भारत के दिगम्बर जैन मन्दिरों में सबसे उतुंग, अतीव कलात्मक 171 फुट ऊँचा जिनालय तेजी से योजनाबद्ध स्वरूप ग्रहण कर रहा है। आत्मसाधक आचार्य श्री की परिकल्पना के अनुसार कम-से-कम दो हजार साल तक टिकने वाले इस स्थापत्य से युक्त मन्दिर के अद्भुत दृष्य को आँखों में संजोने के लिये देश के कोने-कोने से हजारों-हजार श्रद्धालु उपस्थित हुए थे। आचार्य महाराज के शिष्य बालयति मुनिराजों, आर्यिका माताओं, विधानाचार्यों, ब्रह्मचारी बहनों-भाईयों तथा त्यागी-व्रतियों की इस तीर्थ मंगल धर्मधरा पर साक्षी होने का क्षण अविस्मरणीय था।

श्री दिगम्बर जैन सिद्धक्षेत्र, कुण्डलपुर (दमोह) पर ‘श्री बडे बाबा’ के जिनालय गर्भगृह के डोम की झूमरनुमा चाबी के स्थापना समारोह में उपस्थित भव्य आत्माओं को उद्बोधित करते हुए संयम शिरोमणि परमपूज्य आचार्य श्री विद्यासागर जी ने कहा कि – कहा गया है जब तक ‘श्री बडे बाबा’ के मन्दिर के डोम तक की निर्माण सम्बन्धी पूर्ण सुरक्षा नहीं कर सकते, तब तक आगे निर्माण ली अनुमति नहीं दे सकते। अब समय रहते यह काम रेखांकित कर दिया है।
समाज ने धन दिया, समय दिया और मन्दिर को मूर्त रूप दिया। यह ऐतिहासिक काम हुआ है। सभी लोग दिन-रात काम में लगे हुए हैं। कार्यकर्ताओं का नीव से लेकर अब तक का समर्पण, भक्ति और लगन से दिया गया योगदान अभूतपूर्व है। सभी को आश्चर्य होगा। कोई कलेक्टर, पुरातत्त्व अधिकारी या अन्य के प्रतिनिधि आकर के काम को देख सकते हैं। यह तो सम्यक दर्शन की नयी भूमिका का आधार है। भाव-आराधना का कार्य है। हमें एक-एक क्षण का उपयोग करना है। बात एक ही है, हमें अपने भावों को रूप देना है। जिन-जिन ने योगदान दिया है, वह कम नहीं है। तीन-तीन ब्रह्मचारियों ने इस योजना के लिये कार्य किये हैं। तीनों का योगदान कम नहीं है। पंचकल्याणक कमेटियों ने भी उदारता से योगदान दिया है। उनसे अन्य कमेटियों को प्रेरणा लेना चाहिये। धन की ओर न देखें, बडे बाबा के स्वरूप को देखना है। आत्मा का साक्षात्कार हो जायेगा, तब फल मिलेगा। यह बहुत ही महत्त्वपूर्ण कार्य हुआ है। अब तो गवर्नमेंट को परमिशन देनी ही पडेगी। प्रतिदिन पढता रहता हूँ – यहाँ पर वीतराग भगवान को देखकर के देव लोग वन्दन के लिये उतर के आ जाते हैं। इसमें सन्देह नहीं है, ये शास्त्रों के वाक्य है। हम नित्य पढते रहते हैं। आगे भी जीवन को सार्थक बनाना है। यह सब गुरु महाराज आचार्य श्री ज्ञानसागर जी की कृपा है।

कुण्डलगिरि, कुण्डलपुर प्रबन्धकार्यकारिणी समिति के अध्यक्ष श्री संतोष सिंघई तथा अन्य पदाधिकारियों ने पूरी जिम्मेदारी से इस तीर्थक्षेत्र पर यात्रियों की सुविधा के लिये निरंतर विकास कार्य किये हैं। पर्वत पर स्थित सभी मन्दिरों की तथा क्षेत्र की देख-रेख व साज-सम्भाल की गयी। ‘श्री बडे बाबा’ मन्दिरे निर्माण समिति के अध्यक्ष श्री वीरेश सेठ ने समारोह में उपस्थित भक्त गणों को जानकारी दी कि पूरे भारत देश में ऐसा अनुपम डोम कहीं नहीं है। जिनालय बन जाने पर अद्वितीय होगा। डोम की 12वीं लहर झूमरनुमा चाबी है, जो तीन भागों में झूमर की भांति लटकेगी। अब ‘श्री बडेबाबा’ और भी बडे स्थान पर आकर पूर्ण रूप से सुरक्षित हो गये हैं। हम सभी छोटे बाबा आचार्य गुरुवर परमपूज्य श्री विद्यासागर जी महाराज का आशीर्वाद कभी नहीं भूल पावेंगे। ऐसा दिगम्बर जैन मन्दिर पूरे भारत में कहीं नहीं होगा। क्षेत्र में स्थाई प्रदर्शनी भी लगाई जावेगी, जिसमें जैन धर्म का इतिहास प्रदर्शित होगा, परिक्रमा रहेगी। यहाँ स्थापत्य की अनुपम धरोहर बन रही है, जहाँ से समाज और धर्म की प्रभावना हमेशा-हमेशा होती रहेगी। समारोह में ट्रस्ट से जुडे 15 प्रमुख महानुभावों को सम्मान स्वरूप पगडी पहनाई गयी। जिन्होंने आचार्य महाराज से आशीर्वाद दिया। निर्माण कार्य में परम उदार महामना श्री अशोक जी पाटनी, आर.के. मर्बल
परिवार का उल्लेखनीय सहयोग मिला है। यहाँ हमारा कुछ नहीं था, ना ही है। सब कुछ प्रभु की भक्ति का परिणाम है।

प्रेषक:
निर्मल कुमार पाटोदी
“विद्या-निलय” 45, शांति निकेतन
(बाम्बे हॉस्पिटल के पास) इन्दौर-452010(म.प्र.)

मो.09425081009

5 Comments

Click here to post a comment
  • PLEASE NOTED AND ENTERED MY GAUSHALA IN KANPUR U.P MAHANAGAR IN LISTED
    ACHARYA VIDHYASAGAR GAUSHALA & MANAV UTHAN KENDRA
    BITTHORE, BAIKUNTHPUR- KANPUR U.P (INDIA)
    PLEASE NOTED IN YOUR GAUSHALA LIST . THAT TIME 125 COWS IN MY GAUSHALA AND NOT GIVEN MILK. I HAVE 88 BIGA JAMEEN .
    VIVEK KUMAR JAIN , AZAD KUMAR JAIN
    TRUTEE,CHAIRMAN OF
    ACARYA VIDHYASAGAR FOUNDATION TTRUST
    KANPUR-U.P
    MOB- 09415129005

  • Jay jinendra…….
    Ye to bahut hi acchi bat he, ab ap please mandir ji ki nayi tasvire site per upload kijiye…
    Jay jinendra

प्रवचन वीडियो

कैलेंडर

may, 2024

अष्टमी 01st May, 202401st May, 2024

चौदस 07th May, 202407th May, 2024

अष्टमी 15th May, 202415th May, 2024

चौदस 22nd May, 202422nd May, 2024

अष्टमी 31st May, 202431st May, 2024

X