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विश्व वन्दनीय तीर्थंकर महावीर: विविध विचार

विश्व वन्दनीय तीर्थंकर महावीर: विविध विचार


श्रीमती सुशीला पाटनी
आर. के. हाऊस, मदनगंज- किशनगढ

अतिशय रूप मासरं महावीरस्य नगनहु।
रुनमुपसामेवत्तिस्त्रो रात्रीः सुरासुता॥

यजुर्वेद, अध्याय19, मंत्र 14

निगंत्थो आवुसो नाथपुतो सब्व दरस्सी।
अपारिससे णाण दंसण्णं परिजानाति॥

बौद्ध ग्रंथ मंझिम मिकाय-भाग 1

तीर्थंकर महावीर अनुपम नेता थे, वे अनुभवी मार्ग प्रदर्शक थे तथा जनता द्वारा सम्मानित
थे।

महात्मा बुद्ध(महावीर के समकालीन)
महावीर जी की शिक्षायें ऐसी प्रतीत होती है, मानो विजयी आत्मा का विजय ज्ञान हो।
इटली के विद्वान डॉ. अल्बर्जे पार्ज्जा
महावीर का आविर्भाव हुआ जिन्होने अपने आदर्श, उपदेशों द्वारा आत्मवाद का सबसे अधिक
और पूर्णरूपेण शंचन किया।
जर्मनी के श्री पी. जोसक मेरी
एक वह वीर है जो रणक्षेत्र में विजय पात है जो सिंहों का शिकार कर चुका है। परंतु एक
वह वीर है शिरोमणि महावीर है जिसने अपनी आत्मा पर विजय प्राप्त की है।
प्रसिद्ध जर्मन विचारक हेरडर
भगवान महावीर ने अखण्ड ब्रह्मचर्य का पालन किया। त्याग और तपस्या का आदर्श दिखा कर
अहिंसा और सत्य का मार्ग बताया।
डॉ. हारबर्ट बारेन, लन्दन
भगवान महावीर 24वें तीर्थंकर थे और सांसारिक भोगों का उन्हे कोई आकर्षण नहीं था वे
सारे लोक को आत्म कल्याण का मार्ग बता गये हैं।
श्री मैथ्यू पैक्के इंग्लैंड
संसार सागर में डूबते हुए मानव प्राणियों ने आत्म उद्धार के लिये पुकारा इसका प्रत्युत्तर
श्री महावीर स्वामी ने खरे उद्धार का मार्ग बतला कर दिया।
डॉ.वाल्टर शुविंग, प्रोफेसर, हैम्बर्ग यूनिवरसिटी
अहिंसा तत्व को किसी ने अधिक से अधिक विकसित किया है तो वे महावीर स्वामी थे।
राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी
भगवान महावीर समस्त प्राणियों का कल्याण करने वाले महापुरुष हुए हैं।
शेरे पंजाब लाला लाजपतराय
भगवान महावीर के सन्देश किसी खास कौम या फिरके के लिये नहीं है बल्कि समस्त संसार के
लिये है।
स्व. श्री पुरुषोत्तमदास टण्डन
भगवान महावीर की अहिंसा विश्व मानव कल्याण के लिये है।
स्व. आचार्य नरेन्द्र देव
वर्द्धमान महावीर के सम्बन्ध में जो लिखा जाये कम है।
महात्मा भगवानदीन
आधुनिक ज्ञान विज्ञान की भित्तिपर जो किले मानव समाज ने बनाये हैं और बनाता जा रहा
है उनकी सुरक्षा के लिये आध्यात्मिक तत्व का सहारा लेना आवश्यक है भगवान महावीर के
जीवन चरित्र और उनकी शिक्षाओं से हमें तत्व आसानी से मिल सकते हैं।
स्व. प्रधानमंत्री श्री लाल बहादुर शास्त्री
भगवान महावीर का अहिंसा सन्देश आज पहले की अपेक्षा अधिक महत्त्व रखता है। देश को मजबूत
बनाने के लिये हम सबका कर्तव्य है के हम भगवान महावीर स्वामी की शिक्षाओं का पालन करें।
स्व. प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गाँधी
यदि मानवता को विनाश से बचाना है और कल्याण के मार्ग पर चलना है तो भगवान के सन्देश
को और उनके बताये हुए मार्ग को ग्रहण किये बिना कोई रास्ता नहीं है।
महावीर के वचन मानवी आचरण की उज्ज्वलतम प्रस्तुति हैं। अहिंसा का महान सिद्धांत, जिसे
पश्चिम जगत में “ला आफ नान-वायलेंस” के नाम से जाना जाता है, सर्वाधिक मूलभूत सिद्धांत
है, जिसके द्वारा मानवरा के कल्याण के लिये आदर्श संसार का निर्माण किया जाता है।
-डॉ. एल्फ्रेड डब्ल्यू पार्कर (इंग्लैंड)
भगवान महावीर जिन्होंने भारत के विचारों को उदारता दी, आचार को पवित्रता दी, जिसने
इंसान के गौरव को बढाया, उनके आदर्श को परमात्म-पद की बुलन्दी तक पहुँचाया, जिसने इंसान
और इंसान के भेदों को मिटाया, सभी को धर्म और स्वतंत्रता का अधिकारी बनाया, जिसने भारत
के आध्यत्म-सन्देश को अन्य देशों तक पहुँचाने की शक्ति दी। सांस्कृतिक स्त्रोतों को
सुधारा, उनपर जितना भी गर्व करें, थोडा ही है।
-डॉ. हेल्फुथफान ग्लाजेनाप्प (जर्मनी)
महावीर का जीवन अनंतवीर्य से ओत-प्रोत है। अहिंसा का प्रयोग इन्होंने अपने ऊपर किया
और फिर सत्य और अहिंसा के शाश्वत धर्म को सफल बनाया। जो काल को भी चुनौती देते हैं,
ऐसे उन भगवान को “जिन और वीर” कहना सार्थक है। आज के लोगों को उनके आदर्श की आवश्यकता
है।
-डॉ. फर्नेडो बेल्लिनी फिलिप(इटली)
भगवान महावीर सत्य और अहिंसा के अवतार थे। उनकी पवित्रता ने संसार को जीत लिया था।
भगवान महावीर का नाम यदि इस समय संसार में पुकारा जाता है तो उनके द्वारा प्रतिपादित
“अहिंसा” के सिद्धांत के कारण। अहिंसा धर्म को अगर किसी ने अधिक से अधिक विकसित किया
है तो वे महावीर ही थे।
महात्मा गाँधी
भगवान महावीर द्वारा प्रतिपादित सिद्धांत मुझे बहुत प्रिय हैं। मेरी प्रबल अभिलाषा
है कि मैं मृत्यु के बाद जैन-धर्मी परिवार में जन्म धारण करूँ।
जार्ज बर्नाड शा
यदि संसार को तबाही से बचाना है और कल्याण के मार्ग पर चलाना है तो भगवान महावीर के
सन्देश और उनके बताये हुए रास्ते को ग्रहण किये बिना और कोई रास्ता नहीं है।
-सर्वपल्ली राधाकृष्णन
भगवान महावीर पुनः जैनधर्म के सिद्धांत को प्रकाश में लाए। भारत में यह बौद्ध धर्म
से पहले मौजूद था। प्राचीनकाल में असंख्य पशुओं की बलि दे दी जाती थी। इस बलि प्रथा
को समाप्त करने का श्रेय जैनधर्म को है।
-बाल गंगाधर तिलक
अहिंसा के महान प्रचारक केवल भगवान महावीर ही थे। उन्होंने साढे 12 वर्षों के तप, साधना
और त्याग के बाद सारे विश्व को यदि अहिंसा का जन-सन्देश न दिया होता तो सारे संसार
में अहिंसा का नामो-निशान न होता।
-धर्मानन्द कौशाम्बी
भगवान महावीर ने डंके की चोट पर मुक्ति का सन्देश घोषित किया कि धर्म मात्र सामाजिक
रूढी नहीं, बल्कि वास्तविक सत्य है। धर्म में मनुष्य और मनुष्य का भेद स्थायी नहीं
रह सकता। कहते हुए भी आश्चर्य होता है के महावीर की इस महान विद्या ने समाज के हृदय
में बैठी हुई भेद-भावना को बहुत शीघ्र नष्ट कर दिया और सारे देश को अपने वश में कर
लिया।
-रवीन्द्रनाथ टैगोर
भगवान महावीर ने स्त्री जाति का महान सुधार किया। जिसका भय महात्मा बुद्ध को था, उसको
भगवान महावीर ने कर दिखाया। नारी जाति के वे उद्धारक और अग्रदूत थे। भगवान महावीर के
उपदेश शांति और सुख के सच्चे रास्ते हैं। यदि मानवता उनके सदुपदेशों पर चले तो वह अपने
जीवन को आदर्श बना सकती है।
-विनोवा
भगवान महावीर सारे प्राणियों का कल्याण करने वाले आध्यात्मिक महापुरुष हुए हैं।
-चक्रवर्ती राजगोपालाचारी
मैं स्वयं को धन्य मानता हूँ कि मुझे भगवान महावीर के प्रांत क्षेत्र में जन्म लेने
का सौभाग्य प्राप्त हुआ। अहिंसा धर्म जैन अनुयायियों की विशेष सम्पत्ति है। संसार के
किसी और धर्म ने अहिंसा के सिद्धांत का इतना प्रचार नहीं किया जितना जैन धर्म ने किया।
-डॉ. राजेन्द्र प्रसाद
अगर भगवान महावीर के बतलाये हुए सिद्धांतों पर संसार चले तो लोगों में कोई दुःख न झगडा
हो। विश्व में शांति बनी रहे। मेरे देश को गर्व है के भगवान महावीर ने समस्त संसार
को शांति और अहिंसा का सन्देश दिया।
-जवाहरलाल नेहरू
जो इन्द्रियों को जीत सकता है वही सच्चा जैन है। अहिंसा बहादुरों और वीर पुरुषों का
धर्म है, कायरों का नहीं। जैनियों को इस बात का गर्व होना चाहिये कि कांग्रेस भगवान
महावीर के सारे सिद्धांतों का सारे भारतवर्ष में पालन करा रही है।
-सरदार पटेल
भगवान महावीर की सुन्दर और प्रभावशाली शिक्षाओं का अगर हम पालन करें तो रिश्वत, बेईमानी,
भ्रष्टाचार अवश्य ही समाप्त हो जाये।
-लालबहादुर शास्त्री
भगवान महावीर ने अहिंसा, अपरिग्रह, अनेकांत और सहिष्णुता का मार्ग हमें बताया। भगवान
महावीर के बताये हुए मार्ग पर चलकर ही हम अपनी कठिनाईयों का समाधान कर सकते हैं।
-फखरुद्दीन अली अहमद
जैन धर्म मानव को ईश्वर की ओर ले जाता है और सम्यक दर्शन, सम्यक ज्ञान व सम्यक आचरण
के जरिये पुरुषार्थ से उसे परमात्म पद प्राप्त करा देता है। भगवान महावीर ने प्राणीमात्र
के कल्याण के लिये महान सन्देश दिया है ताकि सभी प्राणी शांति से रह सकें। हम उनके
बताये रास्ते पर चल कर उनके योग्य उत्तराधिकारी बनें।
-जस्टिस टी.के. टुकोल(भारत)
महावीर ने एक ऐसी साधु संस्था का निर्माण किया, जिसकी भित्ति पूर्ण अहिंसा पर निर्धारित
थी। उनका अहिंसा परमोधर्मः का सिद्धांत सारे संसार में 2500 वर्षो तक अग्नि की तरह
व्याप्त हो गया। अंत में इसने नव भारत के पिता महात्मा गाँधी को अपनी ओर आकर्षित किया।
यह कहना अतिशयोक्तिपूर्ण नहीं है के अहिंसा के सिद्धांत पर ही महात्मा गाँधी ने नव
भारत का निर्माण किया।
-टी.एस.रामचन्द्रन(अध्यक्ष पुरातत्व विभाग)

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