आचार्यश्री समयसागर जी महाराज इस समय डोंगरगढ़ में हैंयोगसागर जी महाराज इस समय चंद्रगिरि तीर्थक्षेत्र डोंगरगढ़ में हैं Youtube - आचार्यश्री विद्यासागरजी के प्रवचन देखिए Youtube पर आचार्यश्री के वॉलपेपर Android पर आर्यिका पूर्णमति माताजी डूंगरपुर  में हैं।दिगंबर जैन टेम्पल/धर्मशाला Android पर Apple Store - शाकाहारी रेस्टोरेंट आईफोन/आईपैड पर Apple Store - जैन टेम्पल आईफोन/आईपैड पर Apple Store - आचार्यश्री विद्यासागरजी के वॉलपेपर फ्री डाउनलोड करें देश और विदेश के शाकाहारी जैन रेस्तराँ एवं होटल की जानकारी के लिए www.bevegetarian.in विजिट करें

आचार्यश्री विद्यासागर जी से मुनिश्री प्रमाणसागर जी का भव्य मिलन

15 वर्ष 8 माह 22 दिन बाद नेमावर में गुरु विद्यासागर से मिले प्रमाण सागर

नेमावर। आज सम्पूर्ण विश्व की नज़र जिस क्षेत्र पर थी वह थी नेमावर सिद्ध क्षेत्र मध्यान की वह बेला एक नया पर्याय बनकर हम सबके बीच परिलक्षित हो गयी, जब प्रमाण विराट का अपने गुरु आचार्य श्री विद्यासागर जी से महामिलन हुआ। हर एक टक उन दृश्यों का साक्षी बनना चाहता हो। वह दृश्य अलोकिक था जब मुनि श्री प्रमाण सागर जी विराट सागर जी महाराज गुरुवर को नमोस्तु करते हुये चरण वंदना कर रहे थे और चरणों का पद प्रक्षालन कर रहे थे, मानो वह कह रहे हो मेरे भगवन मेरे गुरु के दर्श आज हो गये हो। शिष्यो का गुरु के प्रति अनुराग का भाव श्रद्धा का भाव परिलक्षित हुआ। जो एक जीवंत उदाहरण प्रस्तुत हुआ है गुरुकुल की परंपरा भी ऐसी होती थी।

आज में कुछ कहने की स्थिति मे नहीं बस यही कहुगा जय जय गुरुदेव प्रमाण सागर जी महाराज। इस अवसर पर मुनि श्री प्रमाण सागर जी महाराज ने कहा आज मे कुछ कहने की स्थिति में नहीं, बस यही कहुगा जय जय गुरुदेव उन्होंने कहा आचार्य गुरुवर आपको दीक्षा लिये 52 वर्ष व्यतीत हो गये मोक्ष मार्ग पर चलते हुये आप जैन धर्म की एक एक पर्याय बन चुके हैं। आज का यह पावन दिन मुझे 15 वर्ष 8 माह 22 दिन बाद मिला।

वही मुनि श्री विराट सागर जी महाराज को यह अवसर 9 वर्ष 8 माह 22 दिन बाद मिला उन्होने कहा गुरुवर तो साक्षात तीर्थंकर की प्रतिमूर्ति है उन्होने कहा गुरुवर की द्रष्टि आशीष जिस पर हो जाती है। उन्होने कहा किसी एक सज्जन ने गुरुदेव से कहा की उंनके पाव मे छाले है और खून आ रहा है तो गुरुदेव ने कहा सब ठीक होगा आशीष दी। मुनि श्री ने कहा खून तो आ रहा था पर दर्द गायब हो गया साथ ही उन्होने कहा गुरुदेव की संस्कृति और मानवता पर विशेष कृपा है। मानवता और जन जन का कल्याण कर रहे है। जब बार बार वह जय जय गुरुदेव का उच्चारण कर रहे थे सारा मंच जय जय गुरुदेव से गुंजायमान था।

गुरु के भाव भीना भजन मंत्रमुग्ध कर गया। मुनि श्री विराट सागर जी महाराज ने कहा वह दिन वर्ष 2009 का जब आचार्य गुरूवर ने कहा था। जब प्रमाण सागर जी के पास भेजा था तब कहा था की बड़े भाई का सहयोग करना यह मूलमंत्र प्रदान किया था। यह सहयोग मैने बनाया रखा उन्होने कहा गुरुदेव यह आशीष दे की यह सहयोग की भावना अंतिम सास तक बनी रहे वही उन्होने एक मार्मिक गीत प्रस्तुत किया जो मंत्रमुग्ध कर गया। उन्होने कहा

गुरु की छाया मे शरण जो पा गया उसके जीवन मे सुमंगल आ गया
गुरु कृपा सबसे बड़ा उपहार है गुरु ही अपने देवता श्री भगवान है

हमको क्या उनको हमारा ध्यान है भव उद्धार है बेड़ा पार है गुरु की छाया मे शरण जो पा गया उसके जीवन मे सुमंगल आ गया।

साभार : www.jain24.com
— अभिषेक जैन लुहाड़ीया रामगंजमंडी

 

 

 

प्रवचन वीडियो

कैलेंडर

april, 2024

अष्टमी 02nd Apr, 202402nd Apr, 2024

चौदस 07th Apr, 202407th Apr, 2024

अष्टमी 16th Apr, 202416th Apr, 2024

चौदस 22nd Apr, 202422nd Apr, 2024

X