Youtube - आचार्यश्री विद्यासागरजी के प्रवचन देखिए Youtube पर आचार्यश्री के वॉलपेपर Android पर दिगंबर जैन टेम्पल/धर्मशाला Android पर Apple Store - शाकाहारी रेस्टोरेंट आईफोन/आईपैड पर Apple Store - जैन टेम्पल आईफोन/आईपैड पर Apple Store - आचार्यश्री विद्यासागरजी के वॉलपेपर फ्री डाउनलोड करें देश और विदेश के शाकाहारी जैन रेस्तराँ एवं होटल की जानकारी के लिए www.bevegetarian.in विजिट करें

दिगम्बर जैन मुनि

संत न होते जगत में तो जल जाता संसार।
सुख शांति होती नही मचता हाहाकार।।

 

“जाकी रही भावना जैसी गुरुमूरत तिन दीखही तैसी”

 
सरल, सहज, यथाजात, मुद्राधारी, बालकवत, निर्विकार, दिगम्बर जैन साधुओं को देखने मात्र से विभिन्न मनुष्यों में विभिन्न प्रकार के मनोभाव, शंका, कुशंका, तर्क-वितर्क उठना स्वाभाविक है । उनके विभिन्न प्रकार के मनोभाव एवं शंकाओं के समाधान के लिए तर्क पूर्ण नैतिक एवं आध्यात्मिक द्रष्टिकोण से हमें निम्न सत्य तथ्य पर विचार करना चाहिए।
दिक्+अम्बर = दिगम्बर अर्थात दिक् = दिशा, अम्बर = वस्त्र।
‘दिक् एवं अम्बरं यस्य सः दिगम्बरः।’
जिनका दिक् अर्थात दिशा ही वस्त्र हो वह दिगम्बर। दिगम्बर का अर्थ यह भी उपलक्षित है जो अंतरंग-बहिरंग परिग्रह से रहित है वो निर्ग्रन्थ है। निर्ग्रन्थता का अर्थ जो क्रोध, मान, माया, लोभ, अविद्या, कुसंस्कार काम आदि अंतरंग ग्रंथि तथा धन धान्य, स्त्री, पुत्र सम्पत्ति, विभूति आदि बहिरंग ग्रंथि से जो विमुक्त है उसको निर्ग्रन्थ कहते हैं।
 
  • वे आजीवन ब्रह्मचर्य की साधना करते हैं अर्थात मन में किसी भी प्रकार का विकार नहीं लाते इसलिए नग्न रहते हैं।
  • हमेशा नंगे पैर पैदल चलते हैं।
  • दिन भर (24 घंटे) में एक ही बार एक ही स्थान पर खड़े होकर अपने हाथों (अंजली) में ही पानी व शुद्ध बना हुआ भोजन लेते हैं।
  • अगर भोजन में कोई भी जीव अथवा बाल आदि निकल आवे तो तत्काल भोजन का त्याग कर देते हैं और अगले 24 घण्टे बाद ही आहार पानी लेते हैं।
  • हाथ में मयूर पंख की पिच्छी धारण करते हैं जिससे सूक्ष्म से सूक्ष्म जीवों को भी हटाने में उन्हें कष्ट न हो उनकी रक्षा हो। उठने-बैठने में वे इसी पिच्छी से जीवों को हटाते हैं। इसी पिच्छी को लेकर वे आजीवन धर्मध्यान साधना करते हैं एवं भक्तों को आशीर्वाद देते हैं।
  • अपनी आत्म शक्ति को बढ़ाने के लिए केशलोंच करते हैं अर्थात सिर, दाढ़ी व मूंछ के बालों को दो महीने में हाथ से निकालते हैं।
  • कमण्डल में छना गर्म किया हुआ पानी रखते हैं। वह पानी सिर्फ शारीरिक शुद्धि के लिए काम में लेते हैं। कमण्डल नारियल का बना होता है।
 
ये संत अपनी आत्म शक्ति को बढ़ाकर तपस्या करके संसार के जन्म मरण से मुक्त होकर परमात्मा शक्ति को पाते हैं। तो चलें! आयें हम भी इनके चरणों में नमस्कार कर कुछ क्षण सुख और शान्ति को पा लेवें। इन दिगम्बर साधु का सत्संग करोड़ों अपराधों को हर लेता है।
 
कहा भी है :

एक घड़ी आधी घड़ी आधी में पुनि आध।
तुलसी संगत साधु की हरे कोटी अपराध।।

6 Comments

Click here to post a comment

प्रवचन वीडियो

कैलेंडर

december, 2024

चौदस 30th Nov, 202430th Dec, 2024

चौदस 08th Dec, 202408th Dec, 2024

चौदस 14th Dec, 202414th Dec, 2024

चौदस 23rd Dec, 202423rd Dec, 2024

चौदस 29th Dec, 202429th Dec, 2024

X