पीएम मोदी अमेरिका में : भगवान बाहुबली की जैन और गणेश की प्राचीन मूर्तियां सहित 200 बेशकीमती विरासत लाई जा रही हैं वापस स्वदेश
वॉशिंगटन, (शोभना जैन)। जैन तपस्वी बाहुबली और गणेश की बेशकीमती प्राचीन कांस्य प्रतिमाएं सहित भारत की सांस्कृतिक विरासत वाली 200 सांस्कृतिक कलाकृतियां अमेरिका से आखिरकार वापस लाई जा रही हैं।
ये बेशकीमती धरोहरें अमेरिका चोरी कर ले जाई गई थीं। अमेरिकी प्रशासन के सहयोग से अब इन्हें वापस लाया जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की उपस्थिति में यहां हुए एक विशेष समारोह में अमेरिका में चोरी से पहुंचीं लगभग 200 भारतीय बेशकीमती प्रतिमाएं देश को लौटाने की प्रक्रिया की शुरुआत हुई जिसमें बाहुबली की मनोहारी खड्गासन जैन प्रतिमा और भगवान गणेश की कांस्य की प्राचीन प्रतिमाएं शामिल हैं।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने इस संबंध में हुए समारोह के बारे में ट्विटर पर लिखा कि भारत की सांस्कृतिक विरासत की वापसी वाले इस समारोह में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने हिस्सा लिया जिसमें अमेरिका की अटॉर्नी जनरल मौजूद रहीं।
प्रवक्ता के ट्वीट के मुताबिक, अमेरिका की अटॉर्नी जनरल लोरेटा लिंच ने इस अवसर पर कहा कि हमने आज चोरी कर यहां लाई गईं 200 से ज्यादा सांस्कृतिक महत्व की वस्तुएं भारत को लौटाने की प्रक्रिया शुरू की।
इस अवसर पर प्रधानमंत्री मोदी ने भारतीय प्रतिमाएं लौटाने के लिए अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा का आभार जताते कहा कि निश्चय ही अमेरिकी प्रशासन ने भारत की सांस्कृतिक विरासत की ये प्रतिमाएं लौटाकर जिस संवेदनशीलता का परिचय दिया, उससे भारतीय जनता के मन में उनके प्रति सम्मान और बढ़ा है।
मोदी ने कहा कि मैं राष्ट्रपति बराक ओबामा का ये बहुमूल्य चीजें लौटाने पर शुक्रगुजार हूं, जो हमें हमारे अतीत से जोड़ती हैं।
उन्होंने कहा कि ये कलाकृतियां पूरी दुनिया की धरोहर हैं। प्रौद्योगिकी सांस्कृतिक विरासत वाली वस्तुओं के अवैध व्यापार को रोकने में बहुत मददगार हो सकती है। हमारे लिए ये वस्तुएं हमारी संस्कृति व धरोहर का हिस्सा हैं। समूची दुनिया भारत की प्राचीन सभ्यता से बहुत प्रभावित है। भारत के कई शहर तो 5,000 वर्ष पुरानी सभ्यता की विरासत वाले हैं।
प्राप्त जानकारी के अनुसार लगभग 9 वर्ष पूर्व इन कलाकृतियों को चोरी से भारत लाने की सूचना अमेरिकी संघीय जांच एजेंसी को मिली थी जिसकी जांच-पड़ताल के दौरान 6 लोगों को गिरफ्तार किया गया। इन कलाकृतियों की कीमत 10 करोड़ डॉलर आंकी गई।
प्रधानमंत्री मोदी 5 देशों की यात्रा के चौथे चरण में स्विट्जरलैंड की महत्वपूर्ण यात्रा के बाद यहां पहुंचे थे। उन्होंने यहां अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा से द्विपक्षीय संबंधों की समीक्षा के साथ क्षेत्रीय तथा अंतरराष्ट्रीय स्थति पर चर्चा की। इस दौरान उन्होंने अमेरिकी कांग्रेस के संयुक्त अधिवेशन को भी संबोधित किया और भारतीय समुदाय द्वारा आयोजित समारोह में हिस्सा लिया।
इस विशेष समारोह के बाद में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने यहां विदेश नीति से जुड़े अमेरिका के विशेषज्ञ समूह थिंक टेंक के प्रमुखों से मुलाकात की।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने इस मुलाकात का एक फोटो ट्विटर पर शेयर करते हुए लिखा कि विदेश नीति बनाने वालो के मन को समझने की एक कोशिश… प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने वॉशिंगटन में प्रबुद्ध मंडल से बातचीत की।
प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) की ओर से भी ट्विटर पर लिखा गया कि प्रबुद्ध मंडल प्रधानमंत्री से मिला। विभिन्न मुद्दों पर दृष्टिकोण साझा किया। (साभार : www.vniindia.com)