आरती संग्रह
जब प्राण तन से निकले
भगवन् ! समय हो ऐसा, जब प्राण तन से निकलें।
नवकार मंत्र जपते-जपते, मम प्राण तन से निकलें॥ भगवन् समय…
ये क्रोध मान माया अरु लोभ जो बताया।
चारों कषाय छूटें, जब प्राण तन से निकले॥ भगवन् समय…
नहीं बैर हो किसी से, समभाव होय सबसे।
शांति क्षमा हो मन में, जब प्राण तन से निकले॥ भगवन् समय…
आठों कर्म दुखेरे, लागे हैं संग मेरे।
इनमें से मुक्त होऊँ, जब प्राण तन से निकले॥ भगवन् समय…
होवे मरण समाधि, व्यापे न मोह व्याधि।
घट में हो ध्यान मेरा, जब प्राण तन से निकले॥ भगवन् समय…
वस्तु स्वरूप निरुखूँ, स्व आत्मगुणा निहारूँ।
निज में हो ध्यान मेरा, जब प्राण तन से निकले॥ भगवन् समय…
भक्ति में रत हूँ तेरी, शुद्ध आत्मा हो मेरी।
प्रभु नाम भजते-भजते, मम प्राण तन से निकले॥ भगवन् समय…
कर जोड़ अर्ज मेरी काटो कर्म की बेड़ी।
सम्यक्त्व होय पैदा, जब प्राण तन से निकले॥ भगवन् समय…
भगवन् ! समय हो ऐसा, जब प्राण तन से निकलें।
नवकार मंत्र जपते-जपते, मम प्राण तन से निकलें॥ भगवन् समय…