आचार्यश्री समयसागर जी महाराज इस समय डोंगरगढ़ में हैंयोगसागर जी महाराज इस समय चंद्रगिरि तीर्थक्षेत्र डोंगरगढ़ में हैं Youtube - आचार्यश्री विद्यासागरजी के प्रवचन देखिए Youtube पर आचार्यश्री के वॉलपेपर Android पर आर्यिका पूर्णमति माताजी डूंगरपुर  में हैं।दिगंबर जैन टेम्पल/धर्मशाला Android पर Apple Store - शाकाहारी रेस्टोरेंट आईफोन/आईपैड पर Apple Store - जैन टेम्पल आईफोन/आईपैड पर Apple Store - आचार्यश्री विद्यासागरजी के वॉलपेपर फ्री डाउनलोड करें देश और विदेश के शाकाहारी जैन रेस्तराँ एवं होटल की जानकारी के लिए www.bevegetarian.in विजिट करें

बीनाजी बारहा में हुई भव्य जैनेश्वरी दीक्षाएं

– देवरी समाचार, संजय जैन

दिन- गुरु पूर्णिमा, स्थान : बीनाजी बारहा, सान्निध्य : आचार्यश्री विद्यासागरजी महाराज

बीना जी बारहा में गुरु पूर्णिमा के दिन आचार्यश्री ने तीन ब्रा. भाइयों को बुलाया और कहा कल का उपवास किस-किस का था। ये प्रश्न भी पूछा कि बेला कर सकते हो। इस प्रश्न के बाद भी ब्रा. भाइयों को कुछ समझ में नहीं आया तब आचार्यश्री के संघस्थ साधुओं ने कहा की आचार्यश्री दीक्षा की बोल रहे हैं। तब मानों नई ऊर्जा का संचार हो गया हो।

binaji bahah, diksha, devari

संसार की सबसे बड़ी निधि मानों मिल गई हो, यही सोचकर तीनों ने हां कह दिया। यह खबर फोन और वाट्सएप के माध्यम से पल भर में देश-विदेश में फैल गई। और ठीक 1.00 बजे लोगों का आना प्रारंभ हो गया। जब बिनोली निकल रही थी, तब लगभग 5 हजार लोग बीनाजी पहुंच चुके थे। और 1.30 बजे मंच पर आचार्यश्री के सानिध्य में उनके ही करकमलों द्वारा इन भाइयों को दी गई मुनि दीक्षा।

binaji barah, diksha, devari

दीक्षा लेने वालों में ब्रा. भैया रोहित जी ने कहा हमारे गुरु पूर्ण हैं और अपूर्ण नहीं हैं और आज हमारी अपूर्णता को भी गुरूवर ने पूर्ण कर दी है। हमें बेसब्री से इंतजार था। ब्रा. जी ने निवेदन किया की गुरूवर मैं आंखें बंद करूं या खोलूं दर्शन दे देना। भगवन आपको नमोस्तु निवेदन है मुझे दिगम्बरी दीक्षा देने की कृपा करें।

दूसरे ब्रा. भैया रणजीत जी बीनाजी के पास ही ग्राम महाराजपुर के निवासी हैं। उन्होंने कहा मैं पहली बार बोल रहा हूं कभी मंच पर नहीं बोला इसलिए कुछ गलती हो सकती है। सभी से क्षमा चाहता हूं। आचार्यश्री को नमोस्तु गुरूवर मुझे दीक्षा देने की कृपा करें।

तीसरे ब्रा. भैया मोनू ने कहा आचार्यश्री मैं घर में छोटा था, सब कुछ आसानी से मिल जाता था। कभी कोई चीज की कमी नहीं रही। आचार्यश्री जी मैं रामटेक में देर से पहुंचा इसलिये उस समय दीक्षा से वंचित रह गया। इसलिये गुरूवर अब दीक्षा देने की कृपा करें। मैं सभी से क्षमा मांगता हूं एवं सभी को क्षमा करता हूं।

binaji barah, devari, diksha

1. ब्रा. भैया- रोहित जी, जयपुर, शिक्षा- एम.कांम, एन.सी.सी. प्राकृतिक चिकित्सा
भाग्योदय में भी चिकित्सा देते थे। वर्तमान में प.पू. मुनिश्री प्रमाण सागर जी के सानिध्य में रहे।
पिता – अशोक काला, माता जी- आशा देवी।

2. ब्रा. भैया- रणजीत जी, पिता- मुलायमचंद, माताजी- कमला देवी, 10 भाई-बहनों में 8 वें नंबर के थे ये। एक बहन प.पू. आर्यिका निर्णयमति माताजी हैं एवं एक बहन ब्रा. निशा दीदी जो कि आचार्यश्री के संघ में ही हैं।

3. ब्रा. भैया- मोनू जी उर्फ सुधीर जी, पिता- सुरेशचंद जी, माता- सुधादेवी, शिक्षा- एम.ए. (हिन्दी साहित्य) दो भाई एवं एक बहन।
विशेषता- ब्रा. भैया रणजीत जी एवं ब्रा. भैया मोनू जी सगे मामा-भानेज हैं।


222

 

 

 

 

OnkarSagarji_OmkarSagarji
SandhanSagarji SanskarSagarji_IMG_0003

प्रवचन वीडियो

कैलेंडर

april, 2024

अष्टमी 02nd Apr, 202402nd Apr, 2024

चौदस 07th Apr, 202407th Apr, 2024

अष्टमी 16th Apr, 202416th Apr, 2024

चौदस 22nd Apr, 202422nd Apr, 2024

X