आचार्यश्री समयसागर जी महाराज इस समय डोंगरगढ़ में हैंयोगसागर जी महाराज इस समय चंद्रगिरि तीर्थक्षेत्र डोंगरगढ़ में हैं Youtube - आचार्यश्री विद्यासागरजी के प्रवचन देखिए Youtube पर आचार्यश्री के वॉलपेपर Android पर आर्यिका पूर्णमति माताजी डूंगरपुर  में हैं।दिगंबर जैन टेम्पल/धर्मशाला Android पर Apple Store - शाकाहारी रेस्टोरेंट आईफोन/आईपैड पर Apple Store - जैन टेम्पल आईफोन/आईपैड पर Apple Store - आचार्यश्री विद्यासागरजी के वॉलपेपर फ्री डाउनलोड करें देश और विदेश के शाकाहारी जैन रेस्तराँ एवं होटल की जानकारी के लिए www.bevegetarian.in विजिट करें

आचार्य श्री : इंदौर दैनिक खबरें

पाप-पुण्य से ऊपर उठकर अहिंसा परमो धर्म की जय कहो : आचार्य विद्यासागर (24/01/2020)

 महोत्सव अब एक-एक दिन नजदीक आ रहा है। विशेष बात यह है कि यह जोड़ने का प्रयास नहीं कर रहे, फिर भी जुड़ते जा रहे हैं। कल जब पंचकल्याणक स्थल पर जाकर देखा तो लाई गई विशाल पद्‌मासन प्रतिमा नजर आई। देखकर लगा किसी का पुण्य उदय हुआ है। यह नहीं कह सकते किसका उदय हुआ है।

यह बात आचार्य विद्यासागर ने गुरुवार को तिलक नगर में कही। वे दयोदय चैरिटेबल ट्रस्ट के तत्वावधान में आयोजित प्रवचनमाला में संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि यहां अपार जनता है, किसका पुण्य है पता नहीं। ऐसे पुण्य करो कि पाप रह नहीं पाए। पाप समाᄍा हो ही जाएंगे। पुण्य-पाप से ऊपर उठकर आत्म उपलब्ध हो सके, इसी भाव के साथ अहिंसा परमो धर्म की जय कहो। इस अवसर पर बड़ी संख्या में समाजजन उपस्थित थे।

आचार्य से मिले गृहमंत्री
मध्य प्रदेश के गृहमंत्री बाला बच्चन ने आचार्य विद्यासागर के दर्शन तिलक नगर में किए। उन्होंने आचार्य से चर्चा में कहा कि पंचकल्याणक आयोजन में जन सामान्य को कोई असुविधा न हो, इसके लिए सभी व्यवस्थाएं की जाएंगी। आचार्य ने कहा कि जितने बांध आदि बनाए गए हैं, उनके डूब क्षेत्रों के निकट पशुओं के लिए चारे कीबुआई की जाए। पड़त जमीनों पर जहां से नाले, नदियां गुजरती हों, उन क्षेत्रो में भी पशु आहार उत्पन्न अभियान चलाया जाना चाहिए। सभी जेलों में हथकरघा से वस्त्र व अन्य देशी वस्तुओं का निर्माण आंदोलन के रूप में हो। इस दौरान शहर कांग्रेस अध्यक्ष विनय बाकलीवाल, सुरेंद्र जैन, जेनेश झांझरी उपस्थित थे।

Source : नईदुनिया


ऐसे पुण्य करो कि अपने पास पाप शेष न रह पाएं : आचार्य विद्यासागर (24/01/2020)

इंदौर। आचार्यश्री विद्यासगर महाराज ने गुरुवार को प्रवचन में कहा कि महोत्सव के एक एक दिन निकट आते जा रहे है वैसे वैसे एक एक मंदिर जुडते जा रहे है यहा पर विशेष बात आ रही है यह पुण्य का उदय है हम प्रयास नही कर रहे है स्वतः हो रहा है। बुधवार महोत्सव स्थल पर जाना हुआ बडी बडी प्रतिमाएं जो मंच पर भी नही आ सकती 11 फीट वह भी पदमासन उन्हें पंचकल्याणक के योग्य बनाया जा रहा है यह किसका पुण्य का उदय हैं हम कह नही सकते इतनी अपार जनता आ रही है।

कार्य करने नही पुण्य से होता है। पुण्य और पाप से ऊपर उठकर हमे प्रभूत आत्म उपलब्धि प्राप्ति हो। गुरुवार को प्रातः ८.३० बजे म.प्र. के गृहमंत्री बाला ने आचार्य विद्यासागर के दर्शन कर आशीर्वाद प्राप्त किया। आचार्यश्री को चर्चा में मंत्री श्री बच्चन ने अवगत कराया कि वे इन्दौर के प्रभारी मंत्री भी हैं पंचकल्याणक आयोजन में जन सामान्य को कोई असुविधा ना हो इस हेतु सभी व्यवस्थाएं की जाएंगी।

चारे की बुआई की जाए
आचार्यश्री ने कहा जितने बांध आदि बनाए गए हैं उनके डूब क्षेत्रों के निकट पशुओं के लिए चारे की बुआई की जाए। जमीनों पर जहां से नाले,नदिया गुजरती हो उन क्षेत्रों में भी पशुआहार उतपन्न करने का अभियान चलाया जाए। सभी जेलों में हथकरघा से वस्त्र एवम अन्य देशी वस्तुओं का निर्माण आंदोलन के रूप में हो। मध्यप्रदेश में गुरुकुल पद्धति से ३ शहरों में प्रतिभास्थली के रूप में हिंदी माध्यम से बालिकाओं को उच्चतर माध्यमिक एवम महाविद्यालयीन शिक्षा संस्कारों के साथ प्रदान की जा रही है।

आप अच्छे कार्य करते रहे जनता आपको अच्छा प्रतिसाद देगी। स्वदेशी को बढ़वा दे। मंत्री श्री बच्चन को हस्तकरघा निर्मित जैकेट भी पहनाई गई। इस मौके पर ट्र्‌स्ट के कमल अग्रवाल, जेनेश झांझरी आदि भी मौजूद थे।

Source : Raj Express


पंचकल्याणक स्थल पर अचानक पहुंच गए आचार्य विद्यासागर, सुधरवाई मूर्ति की त्रुटि (23/01/2020)

इंदौर। शहर में पहली बार दिगंबर जैन समाज के 13 मंदिरों के पंचकल्याणक की तैयारियां चमेलीदेवी पार्क गोयल नगर में की जा रही हैं। इन्हें देखने आचार्य विद्यासागर बुधवार दोपहर अचानक पंचकल्याणक स्थल पर पहुंचे। वहां निरीक्षण के बाद विदुर नगर से आई सवा ग्यारह फीट की प्रथम तीर्थंकर भगवान आदिनाथ की पद्मासन पाषाण प्रतिमा में त्रुटि को ठीक कराया।

आचार्य विद्यासागर मौके पर दो घंटे रुके, कारीगर को बुलाया और भगवान आदिनाथ के कंधे पर आ रहे बालों को हटाया।
आचार्य विद्यासागर मौके पर दो घंटे रुके, कारीगर को बुलाया और भगवान आदिनाथ के कंधे पर आ रहे बालों को हटाया।

आचार्य ने कुछ देर प्रतिमा को निहारा, फिर साथ चल रहे संघ को कारीगर बुलाने के लिए कहा। संघ से चर्चा कर कुछ दिशा-निर्देश दिए। इसके बाद कारीगर को बुलाया गया और उसे प्रतिमा की त्रुटियां दूर करने के लिए बताया। इससे पहले उसे श्रीफल दिया। इसके बाद कानों के पास से कंधे तक आ रहे बालों को हटवाया। इस दौरान वे प्रतिमा के सामने ही संघ के साथ बैठे रहे। यह प्रतिमा मंगलवार रात ही पंचकल्याणक स्थल पर विदुरनगर से लाई गई थी।

पंचकल्याणक में शामिल होंगी 300 से अधिक मूर्तियां, 150 से अधिक आईं
ब्रह्मचारी सुनील भैया ने बताया कि पहली बार एक साथ 13 मंदिर का पंचकल्याण होने जा रहा है। पंचकल्याणक 26 जनवरी से 1 फरवरी तक होगा। इसमें 300 पाषाण और धातुओं में ढली मूर्तियां भगवान बनेंगी। पंचकल्याणक में अजमेर से 25 और सागर से 7 और पुणे से भी तीन मूर्तियां आई हैं। होशंगाबाद से भी ढाई फीट की अष्टधातु की एक मूर्ति लाई गई है। इसके अलावा पंचबलयति मंदिर स्कीम नंबर 78, वैभव नगर, कनाड़िया, शिखरजी ड्रीम, निर्वाण विहार, छावनी, खातीवाला टैंक आदि मंदिरों का पंचकल्याणक होगा।

प्रशासनिक अमला भी पहुंचा
आयोजन स्थल का जायजा लेने प्रशासनिक अमला भी पहुंचा। ब्रह्मचारी विनय भैया और सुनील भैया के निर्देशन में तैयारियां की जा रही हैं। इस दौरान अधिकारियों ने तैयारियों का जायजा लिया। इस मौके पर दयोदय चेरिटेबल ट्रस्ट के कमल अग्रवाल, संजय मैक्स, जैनेश जैन, प्रियांशु जैन आदि मौजूद थे।

पाषाण को भगवान बनाने की प्रक्रिया का नाम पंचकल्याणक
पाषाण की प्रतिमा को भगवान बनाने की पांच दिनी प्रक्रिया का नाम पंचकल्याणक है। जैन ग्रंथों के अनुसार सभी तीर्थंकरों के जीवन में ये पांच कल्याणक घटित होते हैं।

गर्भ कल्याणक : जब तीर्थंकर प्रभु की आत्मा माता के गर्भ में आती है।

जन्म कल्याणक : जब तीर्थंकर बालक का जन्म होता है।

दीक्षा कल्याणक: जब तीर्थंकर सब कुछ त्यागकर वन में जाकर मुनि दीक्षा ग्रहण करते हैं।

केवल ज्ञान कल्याणक: जब तीर्थंकर को केवल ज्ञान की प्राप्ति होती है।

मोक्ष कल्याणक: जब भगवान शरीर का त्यागकर अर्थात सभी कर्म नष्ट करके निर्वाण या मोक्ष को प्राप्त करते हैं।

Source : Naidunia


(23/01/2020) – Raj Express


1600 छात्राएं कर सकेंगी पढ़ाई, बनेंगे दो भव्य मंदिर (22/01/2020)

इंदौर। रेवती रेंज में बनने वाली प्रतिभास्थली ज्ञानोदय विद्यापीठ में 16 सौ छात्राओं को पढ़ाने के लिए व्यवस्था होगी। इसके अलावा वहां दो भव्य मंदिर भी बनाए जाएंगे, जिसमें कुल 1334 प्रतिमाएं विराजमान की जाएंगी। लगभग 27 एकड़ के परिसर में संत निवास, प्रतिभास्थली, हॉस्टल, सहस्त्रकूट जिनालय, सर्वत्रोभद्र मंदिर, भोजनशाला सहित अन्य निर्माण किए जा रहे हैं। आचार्य विद्यासागर पंचकल्याणक महोत्सव के बाद वहां पहुंचकर इनका शिलान्यास करेंगे।

दयोदय चैरिटेबल फाउंडेशन के सहयोग से 20 साल पहले देखा गया सपना अब साकार हो रहा है। 20 साल पहले ही आचार्य इंदौर एक विधान में पहुंचे थे। उस समय उसकी बची हुई राशि से जमीन खरीदी गई। इसके बाद इसे बनाने का लगातार प्रयास हो रहा था। ब्रह्मचारी सुनील भैया ने बताया कि 27 एकड़ में से लगभग 10 एकड़ जमीन पर ये निर्माण हो रहे हैं, जिसमें प्रतिभास्थली में 16 सौ छात्राओं को सौ ब्रह्मचारिणी दीदी पढ़ाएंगी। वहीं गरीब परिवार की बालिकाओं के लिए शिक्षा भी निशुल्क रखी जाएगी।

प्रतिभास्थली :
रेवती रेंज में प्रतिभास्थली का निर्माण किया जा रहा है। इसमें बनाए जा रहे ज्ञानोदय विद्यापीठ में 16 सौ छात्राओं के पढ़ने की व्यवस्था रहेगी। चौथी से 12वीं तक हिंदी माध्यम में पढ़ाई की व्यवस्था रहेगी। हॉस्टल और भोजनशाला भी होगी। अभी उदय नगर में प्रतिभास्थली चलाई जा रही है।

सहस्त्रकूट जिनालय :
प्रतिभास्थली में ही सहस्त्रकूट जिनालय बनाया जाएगा। यह जिनालय 126 फीट ऊंचा होगा, जिसका निर्माण जैसलमेर पत्थर से होगा। इसमें 1008 प्रतिमाएं विराजित की जाएंगी। सभी प्रतिमाएं सिद्ध भगवान और धातु की होंगी।

सर्वत्रोभद्र मंदिर :
प्रतिभास्थली में ही सर्वत्रोभद्र मंदिर भी बनाया जाएगा। 225 फीट ऊंचा यह मंदिर तीन मंजिल होगा। इसमें अरिहंत भगवान और सिद्ध भगवान की 324 प्रतिमाएं विराजित की जाएंगी। सभी प्रतिमाएं धातु की होंगी।

संत सदन :
प्रतिभास्थली में ही संत निवास भी बनाया जा रहा है। जल्द ही यह बनकर तैयार होगा। यहां पर जैन समाज के आचार्य, संत और श्रीसंघ विश्राम करेंगे।


(22/01/2020) – Raj Express


पाषाण से भगवान बनने के इस महोत्सव में बनें सुपात्र : आचार्य विद्यासागर (22/01/2020)

इंदौर। जब कोई यात्री टिकट लेकर गाड़ी में बैठता है तो उसका टिकट चेक करके उसे निर्विकल्प यात्री घोषित कर दिया जाता है। आप सभी ने पंचकल्याणक महोत्सव का टिकट खरीद लिया। अब आप सभी को निर्विकल्प कर दिया गया है, ताकि अच्छे से अच्छे भाव उत्पन्न कर सको। यहां पर 13 मंदिरों का पंचकल्याणक होने जा रहा है। हम सब भी पाषाण से भगवान बनने वाले महोत्सव के सुपात्र बनें। यह बात आचार्य विद्यासागर ने तिलक नगर में आयोजित धर्मसभा में मंगलवार को कही।

आचार्य ने कहा कि महोत्सव में कुछ तो खुद हवन से बोली लेकर पात्र बन गए। कुछ दूसरों को देखकर और कुछ लोगों को समझाकर पात्र बना दिया गया। जैसे दो बैलों पर किसान जुआरी रख देता है, ताकि वह मिलकर काम कर सकें। वह इधर-उधर नहीं भाग सकते, वैसे ही आप लोगों को जिम्मेदारी दे दी गई है। अब आप लोग भी इधर-उधर कहीं नहीं भाग सकते।

विवाह में पिताजी को आने-जाने की छूट रहती है, लेकिन जिसका विवाह है, वह अब कहीं नहीं जाएगा। मंगलवार को आचार्य के चरणों में प्रक्षालन का सौभाग्य अमित प्रकाशचंद्र जैन और विकास सिंघाई को प्राप्त हुआ। सभा का संचालन ब्रह्मचारी सुनील भैया ने किया। दयोदय चैरिटेबल ट्रस्ट के कमल अग्रवाल ने बताया कि 13 मंदिरों का पंचकल्याणक महोत्सव चमेलीदेवी पार्क गोयल नगर में 26 जनवरी से 1 फरवरी तक मनाया जाएगा।

ब्रह्मचारी सुनील भैया ने बताया कि 13 मंदिरों का पंचकल्याणक महोत्सव आचार्य विद्यासागर के सान्निध्य में मनाया जाएगा। महोत्सव के बाद आचार्य इन 13 मंदिरों में पहुंच सकते हैं। कुछ मंदिर नए हैं और कुछ का जिर्णोद्धार किया गया है।

Source : Naidunia


 पूजा के समय उसका भाव समझें : आचार्यश्री (21/01/2020)

आप प्रतिदिन पूजा करते हैं। पूजा संगीत के साथ भी करते हैं, लेकिन पूजा के भाव को नहीं पकड़ पाते हो तो यह सिर्फ कहने के लिए पूजा है। पूजा से हमारी सांसारिक भूख मिटनी चाहिए। अक्सर होता है कि लोग पूजा के भाव को नहीं समझते, सिर्फ शोर करते रहते हैं। पूजन के जरिये परमात्मा की आराधना होनी चाहिए।

तिलक नगर में आचार्य विद्यासागारजी महाराज के दर्शन करने के लिए बड़ी संख्या में समाजजन मौजूद थे

यह बात आचार्य विद्यासागर महाराज ने सोमवार को तिलक नगर में आयोजित धर्मसभा में कही। दयोदय चैरिटेबल फाउंडेशन ट्रस्ट के तत्वावधान में आयोजित प्रवचनमाला में सैकड़ों की संख्या में श्रद्धालुओं ने भाग लिया। आचार्य का पाद प्रक्षालन का अवसर रमेशचंद्र और भरतेश बड़कुले परिवार को मिला। इस अवसर पर प्रभात जैन, सुधीर जैन, विजीत रामावत, मुकेश बाकलीवाल ने आचार्य को श्रीफल भेंट किया। पंचकल्याणक महोत्सव के प्रचार-प्रसार प्रमुख कमल अग्रवाल ने बताया कि इस अवसर पर अग्रवाल समाज के प्रेमचंद गोयल, सुभाष गुरु, अरविंद बागड़ी आदि उपस्थित थे। संचालन ब्रह्मचारी सुनील भैया ने किया।

Source : Naidunia


आज का प्रवचन (20/01/2020)

पूजन की पंक्तियों में जो लिखा होता है आप लोग उन पंक्तियों में छिपे गहराई से भाव नहीं समझ पाते। यदि हम उन पंक्तियों पर दृष्टि डालें तो आप लोग समझ सकेंगे। जिनेन्द्र देव की पूजन में अष्ट द्रव्य से पूजन होती है। उसमें प्रथम अर्घ के रूप में छुदा रोग के निवारण के लिए नैवेद्य को आप सभी समर्पित करते हैं लेकिन नैवेद्य क्यों चढ़ाया जाता है? वह नहीं समझ पाते। देखा जाए तो नैवेद्य एक प्रकार का विषय है, क्योंकि वही लड्डू आप भोजन में लेते हैं और वही लड्डू पूजन में समर्पित करते हैं।

जिन्होंने अपनी छुदा को दूर कर दिया। भगवान को साक्षी मानकर, उनके चरणों में हम अर्घ चढ़ाते हैं ।इसका अर्थ यह है कि आप लोग अभी रोगी हैं और भगवान निरोगी। जो व्यक्ति दिन में चार-पांच बार खाता हो इसका आशय यह है कि वह दूसरों की अपेक्षा चार पांच गुना अधिक रोग ग्रसित है हम गाड़ी में पेट्रोल चलाने के लायक ही जो आवश्यक होता है उतना ही डलवाते हैं ,दीपक जलाने के लिए हम उतना ही तेल डालते हैं जितना बाती में तेल से दीपक जल जाए।

तो फिर क्यों पेट में हम अधिक बार बार भोजन डालते हैं। आप को समझना होगा। उसी प्रकार शरीर को उतना ही भोजन कराएं जितना जीवन को चलाने में आवश्यक होता है भगवान आप तो सभी दोषों से मुक्त हैं उन्हें साक्षी मानकर उन्हीं जैसा बनने के लिए हम सभी पूजन करते हैं ।पूजन में भक्ति रस का होना आवश्यक है। भोजन भी एक रोग माना गया है, बार बार भोजन करना महारोगी की पहचान है। अतः पूजन सावधानी से करें और इस प्रकार से करें कि मन गदगद हो जाए।


आचार्यश्री के समक्ष न्योछावर कर दी ‘धनलक्ष्मी’, पल में इकट्ठा हो गए 15.60 करोड़ रुपए से ज्यादा (20/01/2020)

इंदौर। आचार्यश्री विद्यासागर ससंघ के सान्निध्य में चमेलीदेवी पार्क गोयल नगर में होने वाले 13 मंदिरों के पंचकल्याणक के लिए श्रावकों ने गुरु के समक्ष धनलक्ष्मी न्योछावर की। पंचकल्याणक के सभी प्रमुख महापात्रों के लिए 1548 कलश और 1275 श्रीफल (15 करोड़ 60 लाख रुपए ) की बोली लगाई गई।

दयोदय चेरिटेबल फाउंडेशन ट्रस्ट के तत्वावधान में 26 जनवरी से 1 फरवरी तक होने वाले ऐतिहासिक पंचकल्याणक के महापात्र चयन रविवार को तिलक नगर में हुआ। प्रतिष्ठाचार्य विनय भैया, ब्रह्मचारी सुनील भैयाजी के निर्देशन में पंचकल्याणक में महापात्र बनने के लिए लगाई गई बोली की राशि रेवती गांव में बनने वाली प्रतिभा स्थली और भव्य मंदिर के लिए दी जाएगी।

13 मंदिरों के पंचकल्याणक के लिए विशाल पंडाल तैयार किया जा रहा है, वहीं 13 रथ भी पहली बार होंगे। अभी तक 1750 जोड़ों का नामांकन हो चुका है। विश्व का पहली बार इंदौर में महातीर्थ बनाने के लिए ट्रस्ट में 108 न्यासी बनाए गए हैं। सबसे पहली ध्वजारोहण की बोली गुप्त रखी गई। माता-पिता बनने के लिए 54 आवेदन आए थे, जिनमें संजय मैक्स परिवार का चयन हुआ।

देवों को भी खुशी का अनुभव
आचार्यश्री विद्यासागर ने प्रवचन में कहा, महामहोत्सव का आनंद लें। इसमें सभा का संवर्धन तो संभव है, लेकिन कम करना संभव नहीं। अल्प समय में बड़ा काम किया है। आप लोगों के कारण महोत्सव और रचना का बीड़ा उठाया है, वह पुण्यवर्धक है। यह इस युग व काल में आपके कारण संपन्न होने जा रहा है। देवों को भी खुशी का अनुभव हो रहा है। मैंने सोचा भी नहीं था इतना बड़ा कार्यक्रम इंदौर में होगा और मैं भी रहूंगा। पशु-पक्षियों की भी अहिंसा की प्रभावना कर अपना जीवन सार्थक बनाया, आप तो मनुष्य हैं।

महापात्रों के लिए लगी बोली

  • सौधर्म इंद्र – उद्योगपति सचिन जैन
  • कुबेर इंद्र – आलोक आकाश जैन, कोयला परिवार
  • महायज्ञ नायक – सतीश डबडेरा परिवार
  • राजा श्रेयांस – प्रकाश मनीष जैन, जैन स्टील परिवार
  • भरत चक्रवर्ती – सुरेश दिवाकर
  • सौमप्रभ इंद्र – विमलचंद मनोज बाकलीवाल
  • बाहुबली –  सुधीर समीर डिस्कवरी
  • ईशान इंद्र – श्रीफल – विमल मुकेश बाकलीवाल
  • शाणत इंद्र – जितेंद्र नीरज व अंकित जैन
  • महेंद्र इंद्र – देवेंद्र मनोज आरोनवाले

Source : patrika.com (Sudhir Pandit)

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